Dharamjaygarh Forest Division: Forest department conducted a quick and thorough investigation on the death of a newborn elephant..
धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ वनमंडल के बोरो परिक्षेत्र अंतर्गत रूवांफूल परिसर में 17 नवंबर को नवजात हाथी की मौत की सूचना पर वन विभाग ने तत्परता से कार्रवाई की। क्षेत्रीय वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने घटना स्थल पर पहुंचकर गहन जांच की और वन्यजीव संरक्षण के तहत सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को विधिपूर्वक संपन्न किया।
वन परिक्षेत्र अधिकारी बोरो के अनुसार, कक्ष क्रमांक 667 आरएफ के प्रधानझरिया क्षेत्र में वन रक्षक द्वारा नवजात हाथी के मृत अवशेष मिलने की सूचना दी गई। सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में आसपास हाथियों के दल के विचरण के निशान और लीद पाए गए। यह क्षेत्र दुर्गम पहाड़ी और ढलान वाला है, जहां पहले से ही हाथियों के विचरण की सतत निगरानी की जा रही थी।
पशु चिकित्सा टीम द्वारा मौत का कारण स्पष्ट..
18 नवंबर को उप वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ और जिला स्तरीय पशु चिकित्सा टीम ने मौके पर मृत हाथी नवजात का पोस्टमार्टम किया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि नवजात हाथी की मौत जंगल के नुकीले ठूंठ में गिरने के कारण हुई। टीम ने नवजात हाथी के अवशेष, अस्थि और मल के नमूने वैज्ञानिक जांच के लिए सुरक्षित रखे।
सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया..
वन विभाग ने पंचनामा बनाकर ग्रामीणों की उपस्थिति में हाथी के अवशेषों का विधिवत दहन किया। इसके साथ ही, मृत नवजात हाथी के स्थल के आसपास 10 मीटर, 100 मीटर और 1 किलोमीटर के दायरे में विस्तृत जांच की गई। जांच में वन्यजीव अपराध से संबंधित कोई भी संदिग्ध वस्तु या प्रमाण नहीं मिला।
वन विभाग की सतर्कता और प्रतिबद्धता..
वन विभाग ने इस घटना के प्रत्येक पहलू की जांच के लिए तत्परता दिखाई। विभाग ने नवजात हाथी की मौत की सूचना में हुई विलंब के संबंध में भी जांच शुरू कर दी है। वन अधिकारियों का कहना है कि हाथियों की सतत निगरानी और संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस प्रकार की घटनाओं की तुरंत सूचना दें, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

