‘Corruption’s end’ in Atal University, students shaved their heads to express their fierce protest, put serious allegations on the management..
बिलासपुर। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ एनएसयूआई का आंदोलन लगातार दसवें दिन भी जारी रहा और शनिवार को यह विरोध प्रदर्शन और भी उग्र दिखाई दिया। एनएसयूआई प्रदेश सचिव रंजेश सिंह की अगुवाई में सैकड़ों छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में अनोखे तरीके से अपना आक्रोश जताया। छात्रों ने प्रतीकात्मक रूप से विश्वविद्यालय प्रबंधन को ‘मृत’ मानकर उसका दशगात्र कार्यक्रम आयोजित किया और भ्रष्टाचार के विरोध में अपना मुंडन भी कराया।

एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर करोड़ों रुपए के टेंडर और भर्ती प्रक्रिया में गंभीर घोटाले करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में पारदर्शिता का माहौल खत्म हो चुका है और तमाम प्रशासनिक व वित्तीय कार्यों में अनियमितताएं साफ नज़र आ रही हैं। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन काले धन के उपयोग की साज़िश रच रहा है और छात्रों की निधि का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है।
छात्रों ने विशेष रूप से तथाकथित कुल सचिव शैलेन्द्र दुबे की नियुक्ति और उनके कामकाज पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि दुबे की नियुक्ति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नहीं की गई, बल्कि कुलपति ने उन्हें प्रभारी कुल सचिव नियुक्त किया है, जबकि उनकी पदोन्नति का मामला पहले से ही उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बावजूद, शैलेन्द्र दुबे कथित तौर पर मूल कुलसचिव के पदनाम का उपयोग करते हुए टेंडर और भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसे छात्रों ने धोखाधड़ी करार दिया है। छात्रों का आरोप है कि इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल में कुलपति से लेकर कई अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मांग की है कि भ्रष्टाचार में लिप्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए। छात्र नेता पुष्पराज साहू ने कहा कि विश्वविद्यालय की साख को बट्टा लगाने वाले और छात्र हितों की अनदेखी करने वाले किसी भी व्यक्ति को माफ नहीं किया जाना चाहिए। पिछले दस दिनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलपति समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के पुतले भी फूंके और ‘भ्रष्टाचार मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।

दशगात्र कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ ‘भ्रष्टाचार का पिंडदान’ कर प्रशासन की नीति और नीयत पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाए। रंजेश सिंह ने मांग की है कि इन तमाम घोटालों की जांच किसी उच्च स्तरीय एजेंसी से कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सज़ा मिले। उन्होंने छात्र निधि का पूरा लेखा-जोखा सार्वजनिक करने की भी मांग की।
एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो इस आंदोलन को और तेज करते हुए राज्यव्यापी स्तर पर ले जाया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में रंजेश सिंह, पुष्पराज साहू समेत कई छात्र नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

