बिलासपुर में कांग्रेस ने मंगलवार, 22 जुलाई को पेंड्रीडीह फ्लाईओवर के पास लीलैंड शोरूम के सामने आर्थिक नाकेबंदी की. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर/ग्रामीण) ने ये प्रदर्शन किया. दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक चले इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए.इस दौरान केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अडानी समूह को जमकर घेरा गया.
सड़क पर उतरे कांग्रेस के दिग्गज..
नाकेबंदी में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत विशेष रूप से मौजूद रहे. उनके साथ तखतपुर, बिल्हा, मस्तूरी, बेलतरा, कोटा और बिलासपुर विधानसभा के प्रदेश पदाधिकारी, शहर/जिला कार्यकारिणी, महिला कांग्रेस, सेवादल, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और सभी प्रकोष्ठ, मोर्चा, विभाग, आईटी सेल, सोशल मीडिया के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसजन हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिससे आवागमन पूरी तरह बंद हो गया था. हालांकि, एंबुलेंस को कुर्सी हटाकर रास्ता दिया गया.
छत्तीसगढ़ की अस्मिता की लड़ाई : चरणदास महंत..
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस प्रदर्शन को कांग्रेस भाजपा की लड़ाई नहीं, बल्कि ‘छत्तीसगढ़ महतारी की अस्मिता की लड़ाई’ बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को उद्योगपतियों के हाथों बेचना चाहती है. महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से परिपूर्ण है, जिसमें लिथियम, यूरेनियम, लोहा, टीन, बॉक्साइट और हीरा जैसी कीमती धातुएं हैं. उन्होंने हंसदेव अरण्य के बाद तमनार जंगल को कोयला निकालने के लिए उजाड़ने का विरोध किया और कहा कि विरोध करने वालों को ईडी और सीबीआई भेजकर फंसाया जा रहा है.
महंत ने हाल ही में हुई दो घटनाओं का भी जिक्र किया :
उपराष्ट्रपति का दबाव में इस्तीफा और ईडी के दुरुपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी. उन्होंने कहा कि ये घटनाएं राहुल गांधी के उन बयानों पर मुहर लगाती हैं, जिनमें उन्होंने नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताया है और कहा है कि वे अपने विरोधियों पर ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. महंत ने दोहराया कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ को बचाने के लिए संघर्ष करती रहेगी.
ईडी की कार्यशैली पर प्रहार..
कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने ईडी की कार्यशैली पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि अगर ईडी स्वविवेक से कार्रवाई करती है, तो 2014 से 2025 तक हजारों केस बनाए जाने के बावजूद केवल 63 लोग ही क्यों दोषी पाए गए? उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी वहीं कार्रवाई करती है, जहां केंद्र सरकार उसे भेजती है. श्रीवास्तव ने यहां तक कह दिया कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री पर अडानी का नियंत्रण है.
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने जल, जंगल, जमीन और आदिवासी समाज को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने की बात कही. उन्होंने विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व मंत्री व विधायक कवासी लखमा और भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को जेल में डालने को एक गहरी साजिश बताया. पांडेय ने पनामा पेपर में अभिषेक सिंह के नाम, डॉ पुनीत गुप्ता पर मेडिकल घोटाला, बिलासपुर के सीवरेज घोटाला (429 करोड़) और प्रियदर्शिनीय सहकारी बैंक घोटाला जैसे मामलों में ईडी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को ‘तानाशाही’ करार दिया और कहा कि आने वाला समय भाजपा नेताओं के लिए कठिन होगा.
भाजपा के फंड पर भी सवाल..
मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने भाजपा पर लोकतंत्र खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि ईडी, सीबीआई उनके ‘अमोघ अस्त्र’ बन गए हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई और उनका चरित्र हनन करना भाजपा का चरित्र बन चुका है. लहरिया ने भाजपा के कोष में 10 हजार करोड़ रुपये होने और देशभर में हाई फैसिलिटी वाले कार्यालय बनाने पर सवाल उठाते हुए पूछा कि इतना पैसा कहां से आया और किस सौदे के तहत मिला. उन्होंने इसकी भी जांच की मांग की.
इस नाकेबंदी में चरणदास महंत, अटल श्रीवास्तव, दिलीप लहरिया, विजय पांडेय के अलावा पूर्व विधायक रश्मि आशीष सिंह, सियाराम कौशिक, शैलेष पांडेय, पूर्व महापौर रामशरण यादव सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन महेश दुबे ने किया और जावेद मेमन ने आभार व्यक्त किया.

