

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में हुए बड़े फेरबदल के बाद अब पार्टी अपने नए 41 जिलाध्यक्षों को फुल एक्टिव मोड में लाने की तैयारी में जुट गई है। इसी कड़ी में, शनिवार को रायपुर के राजीव भवन में इन नए पदाधिकारियों की एक अहम बैठक बुलाई गई है। दिनभर चलने वाली इस बैठक में पहले तो नए जिलाध्यक्षों को शपथ दिलाई जाएगी, फिर संगठन की आगे की रणनीति पर खुलकर बात होगी। कांग्रेस का सीधा फोकस अब जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर है।
मध्यप्रदेश मॉडल से सीखेगी छत्तीसगढ़ कांग्रेस..
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि पार्टी 14 दिसंबर को दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के विरोध प्रदर्शन के लिए छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को ले जाने की योजना बना रही है। इस प्रदर्शन में जिलों की भागीदारी और कार्यकर्ताओं का लक्ष्य बैठक में ही तय कर दिया जाएगा।
बैठक में संगठन की नई दिशा और ढांचे पर भी विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है। सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेस अब छत्तीसगढ़ में भी मध्यप्रदेश मॉडल को लागू कर सकती है। इस मॉडल के तहत, राहुल गांधी खुद जिलाध्यक्षों को ट्रेनिंग देते हैं। पार्टी इस प्रस्ताव पर कल की बैठक में अंतिम मुहर लगा सकती है।
10 दिन के खास प्रशिक्षण में क्या-क्या?
बताया जा रहा है कि यह खास प्रशिक्षण करीब 10 दिनों का होगा। इसमें जिलाध्यक्षों को संगठन प्रबंधन से लेकर मीडिया में बात करने का तरीका, जमीनी मुद्दों की पहचान, नेतृत्व क्षमता बढ़ाना और बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत बनाने के गुर सिखाए जाएंगे।
इस अहम बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत तमाम बड़े और वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे और नए जिलाध्यक्षों को मार्गदर्शन देंगे।



