Code of Conduct implemented in Chhattisgarh from today.. Municipal elections will be held on 11 February, Panchayat elections will be held on 17, 20 and 23 February..

रायपुर:छत्तीसगढ़ में आज से आचार संहिता लागू हो गई है। राज्य में नगरीय निकाय चुनाव 11 फरवरी को होंगे, और 15 फरवरी को नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायत के परिणाम घोषित होंगे। इस बार नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम के माध्यम से होंगे।
निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया है। पंचायत चुनाव तीन चरणों में 17, 20 और 23 फरवरी को होंगे, जबकि परिणाम 18, 21 और 24 फरवरी को घोषित होंगे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग के प्रमुख अजय सिंह रायपुर में आज दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में पिछले 21 सालों में शहरी मतदाताओं की संख्या में 17 लाख का इज़ाफा हुआ है। राज्य के गठन के बाद पहली बार 2004 में नगरीय निकाय चुनाव हुए थे, जब कुल मतदाता संख्या 28 लाख 34 हजार 547 थी, जो अब बढ़कर 44 लाख 87 हजार 668 हो गई है। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन में ये आंकड़े सामने आए हैं।
पिछले 2019 के चुनावों की तुलना में इस बार 5 लाख मतदाता बढ़े हैं। 2019 में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से कम थी, लेकिन इस बार पुरुषों की तुलना में 46 हजार महिला मतदाता अधिक हैं। यह आंकड़े उन निकायों के हैं, जहां चुनाव हो रहे हैं।
रायपुर के महापौर
नगरीय निकाय – रायपुर
2004 सुनील सोनी (बीजेपी)
2010 किरणमयी नायक (कांग्रेस)
2015-16 प्रमोद दुबे (कांग्रेस)
2019-20 एजाज ढेबर (कांग्रेस)
राज्य बनने के बाद अब तक हुए चुनाव में मतदाताओं के आंकड़े
वर्ष कुल पुरुष महिला
2025 – 44,87,668 – 22,20,224 – 22,66,746
2019 – 39,81,827 – 19,92,843 – 19,88,545
2014 – 37,02,853 – 18,88.389 – 18,14,640
2009 – 32,02,829 – 16,58,316 – 15,44,513
2004 – 28,34,547 – 14,70,251 – 18,14,464
ये आंकड़े चुनाव वाले नगरीय निकायों के हैं।
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव – 2025
कुल मतदाता – 44,87,668
पुरुष महिला थर्ड जेंडर
22,20,224 – 22,66,746 – 498
कुल वार्ड – 3206 | मतदान केन्द्र – 5982
ये आंकड़े चुनाव वाले नगरीय निकायों के हैं।
निकाय चुनाव से जुड़े तथ्य और आंकड़े
* राज्य बनने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के पहले अध्यक्ष डॉ सुशील त्रिवेदी बने।
* 2003 विधानसभा चुनाव के बाद रमन सिंह मुख्यमंत्री बने। इसी साल पहली बार पंचायत के चुनाव हुए। ठीक एक साल 2004 में निकायों के चुनाव हुए।
* उस वर्ष सभी चुनाव बैलेट पेपर पर हुए थे। तब निकाय चुनाव दो चरणों में हुए थे। उस समय राज्य में कुल 72 नगर पंचायतें, 28 नगर पालिकाएं और 10 नगर निगम थे।
* तब भिलाई में ही 3 संस्थाएं थी, जिनका चुनाव नहीं हो पाया था। ऐसे में 72 नगर पंचायतों, 26 नगर पालिकाओं और 9 नगर निगम के चुनाव हुए थे।
* इसके बाद जगदलपुर नगर निगम के चुनाव अलग से कराए गए थे।
* छत्तीसगढ़ में 2019 से पहले तक मेयर-अध्यक्ष के लिए डायरेक्ट इलेक्शन हुए।
बैलेट पेपर से चुनाव कराना चुनौती थी
पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील त्रिवेदी ने बताया कि तब बैलेट पेपर से चुनाव कराना बड़ी चुनौती थी। बैलेट पेपर की छपाई के लिए प्रदेश में केवल एक मात्र गवर्नमेंट प्रिटिंग प्रेस राजनांदगांव में था। इस समय प्रिटिंग, उसकी सुरक्षा और फिर मतदान केन्द्रों में भी सुरक्षा मुहैया कराना बड़ी चुनौती थी।
भूपेश सरकार ने 2019 में कराया अप्रत्यक्ष चुनाव, साय सरकार में फिर से प्रत्यक्ष चुनाव
1999 में अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार ने मेयर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता को दिया था। 2019 तक छत्तीसगढ़ में भी डायरेक्ट चुनाव हुए। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद साल 2019 में भूपेश सरकार ने अध्यक्ष और महापौर के चुनाव का अधिकार जनता से छीनकर चुने हुए पार्षदों को दे दिया था।
प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद विष्णुदेव साय की सरकार ने फिर से पुराने नियमों पर ही चुनाव कराने का फैसला लिया। इस साल चुनाव प्रत्यक्ष ही होंगे। वोटर्स ही पार्षद के साथ महापौर को भी चुनेंगे।
ईवीएम से चुनाव होगा
इस बार नगरीय निकाय के चुनाव ईवीएम से ही होंगे। इसे लेकर राज्य सरकार ने राजपत्र में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। प्रदेश में पिछला नगरीय निकाय चुनाव 2019 में बैलेट पेपर से हुआ था, उससे पहले 2014 में ईवीएम से ही चुनाव कराए गए थे।

