रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हिंसक वन्य प्राणियों से होने वाली जनहानि, पशु हानि और फसल क्षति के मामलों में तुरंत और संवेदनशीलता के साथ मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वन्य प्राणियों के हमलों से बहुत दुख झेलना पड़ता है और ऐसे मामलों में पीड़ितों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने यह बात मंगलवार को नवा रायपुर के मंत्रालय में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कही।

हाथियों और अन्य वन्य प्राणियों का बढ़ता आतंक..
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जंगली हाथियों और अन्य हिंसक वन्य प्राणियों का आतंक राज्य के वन क्षेत्रों में एक बड़ी चुनौती बन गया है। इन जानवरों के हमले से न सिर्फ जान-माल का नुकसान होता है, बल्कि धान, गन्ना, केला, पपीता और कटहल जैसी नकदी फसलों को भी भारी क्षति पहुंचती है, जिससे किसानों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से नुकसान होता है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसे सभी मामलों का नियमानुसार जल्द से जल्द निपटारा सुनिश्चित किया जाए।
सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव..
बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को समय पर सहायता मिले, इसके लिए विभागीय तालमेल को और मजबूत किया जाए। बैठक में जनहानि, स्थायी अपंगता, पशु हानि, मकान क्षति और फसल हानि के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति के लिए दी जाने वाली सहायता राशि पर भी चर्चा हुई।

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह,प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) सुधीर अग्रवाल, अपर मुख्य वन संरक्षक प्रेम कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से वन अधिकार पट्टों की मौजूदा स्थिति की भी जानकारी ली।

