रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में फ्लोरमैक्स कंपनी द्वारा 40 हजार आदिवासी महिलाओं से की गई अरबों रुपए की कथित महाठगी के मामले में अब केंद्रीय हस्तक्षेप के बाद बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर की शिकायत पर केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है और उच्च स्तरीय जांच के सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर SC/ST अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर समयबद्ध तरीके से निपटाने और संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। आयोग के हस्तक्षेप के बाद इस बड़े पैमाने के घोटाले की सीबीआई जांच तय मानी जा रही है, जिससे दोषियों में हड़कंप मच गया है।

पूर्व गृहमंत्री की शिकायत पर आयोग हुआ सख्त..
वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने 9 दिसंबर 2024 को आयोग को शिकायत सौंपकर मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से कराने और पीड़ित महिलाओं को राहत देने की मांग की थी। शिकायत को गंभीर मानते हुए आयोग ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मंगवाई। रिपोर्ट मिलने के बाद 16 अक्टूबर 2025 को हुई सुनवाई में मुख्य सचिव की ओर से संभाग आयुक्त बिलासपुर सुनील कुमार जैन ने आयोग के समक्ष पक्ष रखा।
13 आरोपी गिरफ्तार, 3 अब भी जेल में..
संभाग आयुक्त सुनील कुमार जैन ने बताया कि धोखाधड़ी के इस मामले में अब तक फ्लोरमैक्स कंपनी के 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 10 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, जबकि 3 आरोपी अभी भी जेल में हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जांच अधिकारी पीड़ित महिलाओं को मुआवजा दिलाने के लिए आरोपियों की संपत्तियों की तलाश कर रहे हैं, जिनमें से कुछ संपत्तियां बरामद भी की जा चुकी हैं। जैन ने आयोग को आश्वस्त किया कि मामला शीघ्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से सुलझाया जाएगा।
आयोग ने दिए कड़े निर्देश..
सुनवाई के बाद आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं, जो इस प्रकार हैं:
मामला गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के आर्थिक शोषण से जुड़ा है, इसलिए SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर इसे समयबद्ध तरीके से निपटाया जाए।
यह बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए ताकि पीड़ित महिलाओं को उनका पैसा वापस मिल सके।
जांच एजेंसी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत चालान की प्रमाणित प्रति आयोग को उपलब्ध कराई जाए।
फ्लोरमैक्स कंपनी से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों की चल, अचल और बेनामी संपत्तियों और बैंक खातों का पता लगाकर जब्ती की कार्रवाई की जाए।
अब तक की गई जांच और कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर आयोग को प्रस्तुत की जाए।
आयोग की इस सख्त कार्रवाई के बाद ठगी की शिकार महिलाओं के बीच न्याय की नई उम्मीद जगी है। महिलाओं का कहना है कि ननकीराम कंवर की पहल से अब उन्हें पैसा वापस मिलने की आशा है।

