cgmsc: IAS officers’ black money or protection from corruption?
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) का गठन 2012 में किया गया था, लेकिन अब यह एक ऐसा संस्थान बन चुका है, जहां घोटालों की फसल लहलहा रही है। अगर अब तक के वित्तीय दस्तावेजों की तफ्तीश की जाए, तो खरबों का लूट-तंत्र उजागर हो सकता है। यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित भ्रष्टाचार का हिस्सा है, जिसे सफेदपोश अफसरों का संरक्षण मिला हुआ है। निगम में बड़े पदों पर तैनात अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर आते हैं, घोटाले करके चले जाते हैं, और सिस्टम बेबस नजर आता है।
CGMSC में संगठित भ्रष्टाचार, मरीजों की जान से खिलवाड़..
CGMSC हर साल 1100 करोड़ से अधिक की दवाइयों और मेडिकल उपकरणों की खरीदी करता है, लेकिन फिर भी सरकारी अस्पतालों में मरीज ज़रूरी दवाओं के लिए तरसते हैं। दवाइयां या तो तय समय पर नहीं पहुंचतीं या फिर एक्सपायरी के कगार पर पहुंच चुकी होती हैं। अस्पतालों के स्टोर में कचरे की तरह पड़ी इन दवाओं से सरकार को करोड़ों का नुकसान होता है, लेकिन अधिकारी मोटी कमाई कर रहे हैं। संविदा पर रखे गए अफसरों का यह खेल वर्षों से जारी है—आते हैं, लूटते हैं और वापस चले जाते हैं।
IAS अफसरों की काली कमाई – जांच या लीपा-पोती?
CGMSC में तैनात रहे कई IAS अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। EOW और ACB की जांच अभी भी जारी है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इन अधिकारियों की गिरफ्तारी होगी? या फिर यह जांच भी महज एक नाटक बनकर रह जाएगी? कुछ बड़े अफसरों को जांच के लिए तलब किया गया, लेकिन अब तक किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। क्या सरकार इन अफसरों को अभयदान दे रही है? वित्त विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आई एक महिला अधिकारी को अब तक बचाने की कोशिश क्यों की जा रही है?
बर्बाद योजनाएं, मुनाफे में अफसर – जनता बेहाल
CGMSC सिर्फ एक घोटालेबाज अड्डा बनकर रह गया है। जनता की गाढ़ी कमाई से बनाई गई योजनाएं लालफीताशाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग भगवान भरोसे चल रहा है और मरीज अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं, लेकिन अफसरों की तिजोरियां भरती जा रही हैं।
जनता पूछ रही है – गुनहगार कब जेल जाएंगे?
अब वक्त आ गया है कि सरकार जवाब दे – क्या भ्रष्टाचार के इस नंगे खेल में शामिल IAS अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी? या फिर यह मामला भी फाइलों के बोझ तले दबकर दम तोड़ देगा? जनता अब जवाब मांग रही है – घोटालेबाज अफसरों की गिरफ्तारी कब होगी?

