CBI की छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई, CGPSC भर्ती घोटाले में 5 को किया गिरफ्तार

रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में शुक्रवार को सीबीआई ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनमें उस समय के बड़े अफसर और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. सीबीआई ने यह कार्रवाई 2020 और 2021 की भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली और साजिश को उजागर करने के तहत की है. गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, डिप्टी कलेक्टर और सचिव के बेटे सुमित ध्रुव, तत्कालीन चेयरमैन के भाई की बहू मिषा कोसले और जिला आबकारी अधिकारी दीपा आदिल का नाम शामिल है.सीबीआई का कहना है कि ये सभी सीधे तौर पर गड़बड़ी और साजिश में शामिल रहे. सीबीआई ने बताया कि यह केस जुलाई 2024 में छत्तीसगढ़ सरकार की सिफारिश पर दर्ज किया गया था. जांच में सामने आया कि तत्कालीन चेयरमैन, सचिव और अन्य अफसरों ने भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर किया. अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को पास कराने के लिए पूरे सिस्टम को प्रभावित किया गया. CGPSC 2021 की परीक्षा में लगभग 1.29 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. इनमें से 2548 उम्मीदवार प्री परीक्षा पास कर पाए. फिर 509 उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में सफल हुए और इंटरव्यू के लिए बुलाए गए. अंत में 170 उम्मीदवारों का चयन हुआ.

नए पकड़े गए पांच आरोपियों को भी कोर्ट में पेश करेंगे 
इसमें कई बड़े अफसरों के रिश्तेदार शामिल थे. इस मामले में पहले ही तत्कालीन चेयरमैन, डिप्टी कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन और पांच अन्य उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी आरोपी इस समय न्यायिक हिरासत में हैं. अब नए पकड़े गए पांच आरोपियों को भी कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी. सीबीआई ने साफ किया है कि जांच अभी जारी है. उन अन्य उम्मीदवारों की भूमिका की भी पड़ताल हो रही है जो धांधली के जरिए चयनित हुए थे. यह मामला छत्तीसगढ़ की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती धांधली मानी जा रही है. लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इस नेटवर्क के उजागर होने से पूरे राज्य में हलचल मच गई है.