बिलासपुर में बर्जेस एलुमनी मीट 2024: सुनहरी यादों का संगम..

Burgess Alumni Meet 2024 in Bilaspur: A confluence of golden memories..

बिलासपुर। बर्जेस अंग्रेजी शाला में 21 और 22 दिसंबर 2024 को आयोजित एलुमनी मीट पूर्व छात्रों के लिए एक यादगार अवसर साबित हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन में देश-विदेश से लगभग 400 पूर्व छात्रों ने भाग लिया, जिनमें कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल थीं।

आयोजन समिति के सदस्य संजय मुरारका, वेंटेश अग्रवाल, प्रिंस मल्होत्रा, समीर शुक्ला, सौरभ श्रीवास्तव और रोहित सराफ ने बताया कि इस कार्यक्रम की तैयारी पिछले छह महीनों से की जा रही थी। लगभग 3000 पूर्व छात्रों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, जिसमें से 500 से अधिक ने इस समारोह में भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पुराने सहपाठियों को एक मंच पर लाकर उनके अनुभवों को साझा करना था, जिससे वर्तमान विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सके।

पहला दिन: यादों की वापसी..

कार्यक्रम के पहले दिन पूर्व छात्रों ने स्कूल के दिनों की यादें ताज़ा कीं। विशेष असेंबली में एलुमनी ने पीटी का अभ्यास किया और मंच से सभी का परिचय कराया गया। इसके बाद, उन छात्रों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की। सम्मानित विभूतियों में छत्तीसगढ़ महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडे, कर्नल अभिषेक श्रीवास्तव, कमांडर संदीप मुरारका, इसरो के वैज्ञानिक राजीव चतुर्वेदी, और एडिशनल कलेक्टर उमाशंकर बांधे शामिल थे।

दूसरा दिन: सम्मान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां..

दूसरे दिन की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर स्कूल के 32 पूर्व शिक्षकों, 48 वर्तमान शिक्षकों और कर्मचारियों का सम्मान किया गया। इसके बाद एलुमनी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। ‘एहसास’ बैंड और आशीष लाइव की प्रस्तुतियों ने माहौल को उत्साह से भर दिया। कार्यक्रम के समापन पर मुंबई की प्रसिद्ध गायिका रागिनी त्यागराज ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया। इसके बाद सभी एलुमनी को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संजय मुरारका, वेंटेश अग्रवाल, शरद मुरारका, प्रिंस मल्होत्रा, गिरधारी सोनी, राकेश गोयल, करण सिंह, सुमित टाह, आशीष सिंह परिहार, सौरभ श्रीवास्तव, शालू तुलस्यान, रोहित सराफ और समीर शुक्ला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्कूल के शिक्षक सी.के. झा, जावेद अली, और 1994 बैच के कमल सोनी एवं डीएफओ सत्यदेव शर्मा का मार्गदर्शन भी आयोजन की सफलता का प्रमुख आधार रहा।