भाजपा विधायक संजय पाठक पर 1135 एकड़ जमीन घोटाले का आरोप..

मध्य प्रदेश के कटनी में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक एक बड़े भूमि घोटाले के आरोपों में घिर गए हैं। मामला डिंडौरी जिले में खरीदी गई 1135 एकड़ जमीन और चार आदिवासी कर्मचारियों के रहस्यमय ढंग से लापता होने का है। बुधवार को आदिवासी कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कलेक्ट्रेट पर उग्र प्रदर्शन किया, जहां उनकी पुलिस से तीखी झड़प भी हुई।

शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा ने आरोप लगाया कि विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक ने अपने चार कर्मचारियों नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़ के नाम पर डिंडौरी जिले में करीब 1135 एकड़ जमीन खरीदी है। आरोप है कि ये गरीब आदिवासी महज ‘मोहरा’ हैं और यह बेनामी संपत्ति का बड़ा खेल है।

दिव्यांशु मिश्रा ने कहा कि हमने एसपी को लिखित में दिया था कि इन आदिवासियों की जान को खतरा है, लेकिन पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। प्रशासन ने न तो इनके बयान दर्ज किए और न ही इनकी सुध ली।

यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुका है। राष्ट्रीय आदिवासी आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 सितंबर को ही नोटिस जारी कर कटनी, जबलपुर, डिंडौरी, उमरिया और सिवनी के कलेक्टरों से जवाब मांगा था। आयोग ने पूछा है कि इन साधारण आदिवासियों के नाम पर इतनी बेशकीमती जमीन कैसे और कब आई?

प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि इन चारों आदिवासियों के बैंक खातों के पिछले 25 सालों के लेन-देन की जांच की जाए। उनका कहना है कि खातों की जांच से ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। फिलहाल, कटनी कलेक्टर का कहना है कि मामले से जुड़ी जानकारी एकत्रित की जा रही है ।