BJP leader Manish Agarwal got stuck in the stampede at Kumbh Mela, listen to him describe the scene of that dark night..

प्रयागराज /मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में चल रहे अमृत कुंभ मेले में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण 28 जनवरी की रात अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें बिलासपुर से आए भाजपा नेता और पूर्व एल्डरमैन मनीष अग्रवाल भी फंस गए। इस भगदड़ में उन्हें चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने वहां के भयावह दृश्य को अपनी जुबानी साझा की
“मैने साक्षात देखा… जब भीड़ बेकाबू हुई”

मनीष अग्रवाल ने बताया कि रात करीब डेढ़ से दो बजे के बीच स्थिति अचानक बिगड़ गई। संत-महात्माओं के शाही स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु सेक्टर 21 और 22 के आगे संगम घाट की ओर बढ़ रहे थे। स्नान की अद्भुत बेला में श्रद्धालु इतनी बड़ी संख्या में उमड़ पड़े कि बैरिकेड्स और बैरियर टूट गए। भीड़ बेकाबू हो गई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि कुंभ क्षेत्र में करीब 15 से 17 पीपा पुल बनाए गए थे ताकि श्रद्धालु आराम से स्नान कर सकें। लेकिन, संगम दर्शन दूर से करवाए जाने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ और ज्यादा बढ़ गई। इस दौरान कुछ लोग आगे बढ़ने की जल्दी में अव्यवस्था फैलाने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।
प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था, लेकिन भीड़ की लापरवाही भारी पड़ी..
मनीष अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कई इंतजाम किए थे। 35-40 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले मेले में नई सड़कें, टेंट सिटी, कथा शिविर, संतों के अखाड़े और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध थीं। लेकिन भीड़ की अव्यवस्थित चाल और धैर्य की कमी के कारण हालात बिगड़ गए।
भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल, एनडीआरएफ और पुलिस ने संभाला मोर्चा..

मनीष अग्रवाल ने कहा कि अचानक भगदड़ मचने से कई श्रद्धालु घायल हो गए। कुछ लोग अपनों से बिछड़ गए, तो कुछ की जान चली गई। जो लोग मोक्ष की कामना लेकर आए थे, वे भगदड़ में कुचलकर चल बसे।
कुछ ही देर में एनडीआरएफ, पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस प्रशासन ने स्थिति संभाली। घायलों को स्वास्थ्य शिविरों और अस्पतालों में भर्ती कराया गया। खोया-पाया केंद्र में अपने परिजनों से बिछड़े लोग अपनों की तलाश कर रहे थे।
कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही, लेकिन भोजन-प्रसाद की कोई कमी नहीं..

कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। जो लोग स्नान करके लौट रहे थे, उनसे चार गुना ज्यादा श्रद्धालु संगम स्नान के लिए आ रहे थे। टेंट सिटी के सेक्टर 4 और 5 में कल्पवास कर रहे संत-श्रद्धालु पूरे महीने जप-तप और भंडारों का आयोजन कर रहे हैं।
मनीष अग्रवाल ने बताया कि हर जगह निशुल्क भोजन-प्रसाद की व्यवस्था है। कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं रह रहा, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई आ रही है।
विदेशों से भी उमड़े श्रद्धालु, कथा-प्रवचन का विशेष आयोजन..
इस अमृत कुंभ में सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों से भी श्रद्धालु आए हैं। देशभर के संत, महात्मा और प्रवचनकर्ता श्रद्धालुओं के लिए भोजन, आवास और भागवत कथा का विशेष आयोजन कर रहे हैं।
“श्रद्धालुओं को धैर्य रखना चाहिए” – मनीष अग्रवाल

अंत में मनीष अग्रवाल ने कहा कि श्रद्धालुओं को संयम बरतना चाहिए। प्रशासन की व्यवस्था का पालन करना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। कुंभ मेला एक धार्मिक आस्था का महापर्व है, और इसे सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी को सहयोग देना चाहिए।


