Bilaspur’s Mark Hospital gets national recognition for DNB Urology, Chhattisgarh’s prestige in medical education increases..
बिलासपुर। शहर के सरकंडा स्थित मार्क हॉस्पिटल ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिससे न केवल बिलासपुर बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स (NBE) नई दिल्ली द्वारा मार्क हॉस्पिटल को यूरोलॉजी विभाग में डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) पाठ्यक्रम संचालित करने की प्रतिष्ठित मान्यता प्रदान की गई है। एम्स रायपुर के बाद यह छत्तीसगढ़ का पहला निजी एवं मध्य भारत का तीसरा चिकित्सा संस्थान है, जिसे यूरोलॉजी जैसे सुपर स्पेशलिटी विषय में इस राष्ट्रीय स्तर की मान्यता से नवाज़ा गया है। यह उपलब्धि राज्य की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का राष्ट्रीय पटल पर एक सशक्त उद्घोष है।
डीएनबी यूरोलॉजी तीन वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम है, जिसे जनरल सर्जरी में एमएस डिग्री प्राप्त करने के उपरांत किया जा सकता है। इस पाठ्यक्रम के सफल समापन पर चिकित्सक यूरोलॉजी के विशेषज्ञ कहलाते हैं। मार्क हॉस्पिटल के निदेशक एवं वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. कमलेश मौर्य ने इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “वर्षों से हम केवल मरीज़ों का इलाज कर रहे थे, परन्तु अब हम भविष्य के विशेषज्ञ चिकित्सक भी तैयार करेंगे। हमारा यह एक सपना था कि छत्तीसगढ़ चिकित्सा शिक्षा और उपचार, दोनों ही क्षेत्रों में देश का एक प्रमुख केंद्र बने।” उन्होंने इसे राज्य के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर बताते हुए कहा कि अब यूरोलॉजी जैसे जटिल और उच्च स्तरीय सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रम के लिए प्रदेश के छात्रों को महानगरों की ओर रुख करने या वहां भटकने की आवश्यकता नहीं होगी, यह सुविधा अब बिलासपुर में ही उपलब्ध होगी।
मार्क हॉस्पिटल यूरोलॉजी एवं सर्जरी के क्षेत्र में अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए पहले से ही जाना जाता रहा है। यहाँ उपलब्ध स्टेट-ऑफ़-दी-आर्ट ऑपरेशन थिएटर्स में लेज़र, हॉल्मियम लेज़र जैसी नवीनतम तकनीकों द्वारा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी, यानी छोटे चीरे अथवा बिना चीरे के जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जाते हैं। यह वे तमाम सुविधाएँ हैं जिनके लिए पहले मरीज़ों को अक्सर बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। अपने सफर की शुरुआत 30 बिस्तरों से करने वाला यह अस्पताल आज 100 से अधिक बिस्तरों वाले एक सर्वसुविधायुक्त संस्थान में तब्दील हो चुका है। हाल ही में ऑर्गन ट्रांसप्लांट सोसाइटी द्वारा अस्पताल को किडनी प्रत्यारोपण की अनुमति भी प्रदान की गई है, जिससे निकट भविष्य में यहां गुर्दा प्रत्यारोपण जैसी अति विशिष्ट सुविधा भी प्रारंभ हो सकेगी, जो निश्चित रूप से बिलासपुर संभाग और प्रदेश के मरीज़ों के लिए एक बड़ी राहत होगी। अस्पताल में वृहद डायलिसिस सेंटर भी किडनी रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
चिकित्सा के साथ ही मार्क हॉस्पिटल शिक्षा के क्षेत्र में भी निरंतर प्रगतिशील रहा है; यहां यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा एमसीएच कर चुके छात्रों के लिए एक वर्षीय फ़ेलोशिप कार्यक्रम और एनेस्थीसिया विभाग में डीएनबी पाठ्यक्रम पहले से ही संचालित हैं, जिनमें कई छात्र अध्ययनरत हैं। इसके अतिरिक्त, 50 सीटों वाला एक नर्सिंग कॉलेज भी यहां स्थापित किया गया है, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने में योगदान दे रहा है।

