बिलासपुर में करोड़ों का ट्रांसपोर्ट घोटाला : बैंक और आरटीओ की मदद से दस्तावेज़ों की धोखाधड़ी, जाल कई राज्यों में फैला..

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के नाम पर दर्जनों लोगों को फंसाया, सिविल स्कोर और संपत्ति गिरवी रखवाकर लोन लिया गया..

बिलासपुर। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की आड़ में एक बड़े फर्जीवाड़े और ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बिलासपुर पुलिस में की गई शिकायत के अनुसार, एक शातिर जालसाज ने बैंक कर्मचारियों, फाइनेंस एजेंटों और परिवहन विभाग यानी आरटीओ के कुछ लोगों से मिलकर दर्जनों पीड़ितों की गाड़ियां, संपत्तियां और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों का दुरुपयोग किया। बताया जा रहा है कि इस करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का जाल सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों तक फैला हुआ है।

शिकायतकर्ताओं तुहिन रॉय, सतीश टंटी, विनय सिंह समेत अन्य पीड़ितों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की है।

सुबर्नो ट्रैवल्स के नाम पर फंसाया..

राजकिशोर नगर बिलासपुर निवासी सुबर्नो घोषाल जो सुबर्नो ट्रैवल्स के नाम पर कारोबार करता था, और उसके साथियों ने मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया। इन लोगों ने बैंक कर्मचारियों और फाइनेंस एजेंटों से गोपनीय संपर्क बनाए और आम लोगों को वाहन खरीदने के लिए उकसाया। पीड़ितों के सिबिल स्कोर और संपत्ति के कागजात का उपयोग कर उनके नाम पर बड़े लोन, वाहन फाइनेंस और यहां तक कि क्रेडिट कार्ड भी जारी करवा लिए गए।

15 प्रतिशत रिटर्न का लालच और भागना..

शिकायत के मुताबिक, वर्ष 2023 – 24 में आरोपियों ने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उनकी खरीदी गई गाड़ियां ट्रक और कैब सर्विस में लगाई जाएंगी और उन्हें हर महीने निश्चित 10 से 15 प्रतिशत तक का रिटर्न मिलेगा। शुरुआत में कुछ महीने भुगतान करके विश्वास जीता गया।

2024 के मध्य में आरोपी ने फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर कुछ पीड़ितों के घरों को भी गिरवी रखवा दिया और लोन की रकम का बड़ा हिस्सा खुद हड़प लिया। इसके बाद ट्रक का एक्सीडेंट होने या गाड़ी जब्त होने का बहाना बनाकर भुगतान अचानक बंद कर दिया गया। मई जून 2025 में जब मामला गरमाया तो आरोपी बिलासपुर से फरार हो गया। अगस्त में उसके घर की बिक्री ओएलएक्स पर पाई गई, जबकि उसके माता पिता भी गणपति पूजा के बहाने कोलकाता रवाना हो गए।

आरटीओ से कनेक्शन और 26 खाते..

जांच में सामने आया है कि आरोपी ने अपने संपर्कों के जरिए 26 से अधिक बैंक खाते खुलवाए और कई पीड़ितों के नाम से क्रेडिट कार्ड बनवाकर उनसे 40 से 50 हजार रुपये की रकम खर्च कर डाली। महंगे आईफोन जैसे उत्पादों को भी फाइनेंस करवाकर बेचने का खुलासा हुआ है।

पीड़ितों का आरोप है कि आरोपी के आरटीओ कार्यालय में भी दलालों से मजबूत संपर्क थे, जिनकी मदद से वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट और ट्रांसफर के दस्तावेज़ तुरंत तैयार हो जाते थे। अब आरोपी के भागने के बाद उसके कथित साथी उसकी संपत्ति का लेन देन कर रहे हैं और यहां तक कि तीन ट्रकों की नीलामी कराकर खुद को दिवालिया घोषित करवाने की तैयारी चल रही है।

सेवानिवृत्त कर्मचारी के नाम का दुरुपयोग..

शिकायतकर्ता तुहिन रॉय ने बताया कि आरोपी के पिता, सेवानिवृत्त एसईसीएल कर्मचारी विकास चंद्र घोषाल, के नाम और पहचान का भी इस धोखाधड़ी के नेटवर्क में गलत इस्तेमाल किया गया। रॉय ने पुराने परिचित होने के नाते भरोसा किया था, जिसका खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है।

पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से इस पूरे नेटवर्क की फोरेंसिक जांच, सभी फर्जी दस्तावेज़ों की गहन पड़ताल और सभी बैंक खातों तथा लोन का ऑडिट कराने की मांग की है। पुलिस से आरोपी सुबर्नो घोषाल समेत सभी सहयोगियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के तहत तत्काल केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।