बिलासपुर पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है. इस “ऑपरेशन क्लीन” के तहत पुलिस टीमों ने शहर और ग्रामीण इलाकों में 159 गुंडे और निगरानी बदमाशों के ठिकानों पर दबिश दी. इस दौरान कुल 30 वारंट तामील किए गए, जिनमें 11 स्थायी और 19 गिरफ्तारी वारंट शामिल हैं. पुलिस के इस कदम से आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने और आम जनता में सुरक्षा का भाव मजबूत करने का लक्ष्य है.
एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर एएसपी शहर राजेंद्र कुमार जायसवाल, एएसपी ग्रामीण अर्चना झा और एएसपी अनुज कुमार के नेतृत्व में यह विशेष चेकिंग अभियान चलाया गया. इस दौरान थाना-चौकी क्षेत्रों में सक्रिय गुंडे और निगरानी बदमाशों के घरों पर जाकर उनकी गतिविधियों की जांच की गई. वारंटियों की धरपकड़ की गई और कुछ बदमाशों को थानों में बुलाकर पूछताछ भी की गई.
अभियान के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट लेकर आईसीजेएस पोर्टल के माध्यम से गहन तलाशी की गई. साथ ही, बिलासपुर में अवैध तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों के बारे में भी जानकारी जुटाई गई. पुलिस का मुख्य उद्देश्य जिले में असामाजिक तत्वों पर निगरानी बढ़ाना, गुंडों और निगरानी बदमाशों की गतिविधियों का आकलन करना, संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और स्थायी व गिरफ्तारी वारंटियों को पकड़ना था.

इस अभियान में पुलिस ने 5-6 साल से फरार चल रहे स्थायी वारंटियों को भी गिरफ्तार किया. थाना सीपत और कोटा के अलग-अलग मामलों में लंबे समय से फरार चल रहे 2 आरोपियों को भी धरदबोचा गया. इसके अलावा, वर्तमान में जिलाबदर किए गए 3 बदमाशों और पहले जिलाबदर किए गए 21 बदमाशों की भी जांच की गई. घेराबंदी कर 2 फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया. जो गुंडे और निगरानी बदमाश थाने नहीं आए, पुलिस ने उनके घरों पर जाकर चेक किया. कुल 62 संदिग्ध व्यक्तियों को थाने लाकर उनसे पूछताछ की गई.
यह अभियान बिलासपुर पुलिस द्वारा अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत चलाया जा रहा है. इसका मकसद आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना बनाए रखना और असामाजिक तत्वों में पुलिस का डर पैदा करना है. बिलासपुर पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर उनकी जानकारी में कोई भी संदिग्ध व्यक्ति निवास कर रहा हो, जो स्थानीय न हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें.

