सारंगढ़ (छत्तीसगढ़)। गोमर्डा अभ्यारण्य से वन्यजीव संरक्षण को शर्मसार करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
बरमकेला वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम कपरतुंगा में दो युवकों ने भालू का शिकार कर उसका मांस खा लिया और खोपड़ी व खाल को तालाब में फेंक दिया। घटना का खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों ने तालाब में खाल और सिर तैरते देखे।

सूत्रों के अनुसार, यह घटना 13 अगस्त की रात की है। आरोपियों की पहचान जुगलाल सिदार और ज्योतिराम सिदार के रूप में हुई है। सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा, जिससे वन विभाग पर मामले को दबाने के आरोप लगे।

बढ़ते दबाव के बीच विभाग ने कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना स्थल पर स्निफर डॉग की मदद से अन्य सुराग जुटाने की कोशिश की जा रही है।
इस घटना ने प्रदेश में वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते कुछ महीनों में राज्य में बाघ, तेंदुआ और अब भालू के शिकार की घटनाएं सामने आई हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि अभ्यारण्य में डिप्टी रेंजर , वनपाल और बीट गार्ड नियमित गश्ती नहीं करते, जिससे शिकारी बेखौफ होकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
वन विभाग की लचर गश्ती और सुस्त कार्यप्रणाली पर अब सवाल उठने लगे हैं। यदि समय रहते सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को मजबूत नहीं किया गया, तो वन्यजीव संरक्षण के सभी प्रयास विफल हो सकते हैं।

