Attempt to tarnish image of BJP leader B P Singh: Arrogance of four accused including Bijju Rao came out and they had to apologize.

बिलासपुर। जबरिया लोगों को परेशान करने के मामले में बिज्जू राव का नाम शुमार है इसी तारतम्य में बिज्जू राव ने भाजपा नेता बी पी सिंह के विरुद्ध जमीन कब्जे की झूठी शिकायत की थी लेकिन बी पी सिंह के सख्त रुख के सामने बिज्जू राव टूट गया और कोर्ट से नोटिस भेजे जाने सहित थाने में हुई शिकायत ने उसकी पूरी हेकड़ी निकाल दी अंततः बिज्जू राव को लिखित में वकील द्वारा, नगर निगम , कलेक्ट्रेट में माफी मांगनी पड़ी जिसकी कॉपी मीडिया के समक्ष उपलब्ध है
बता दें कि मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता और किसान मोर्चा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष बी पी सिंह के विरुद्ध दोमुहानी में जमीन कब्जा करने की झूठी शिकायत बिज्जू राव सहित चार लोगों ने की थी पूरे मामले की जानकारी होने के बाद भाजपा नेता बी पी सिंह ने पूरे मामले की शिकायत तोरवा थाने लिखित में कि थी।
जिस पर पुलिस ने चारों आरोपियों को थाना बुलाकर कार्यवाही की थी पुलिस और न्यायालय का सख्त रुख देखकर आरोपियों की पूरी होशियारी धरी की धरी रह गई और मामले को बिगड़ता देख चारों आरोपियों ने कानूनी नोटिस के जवाब में माफी मांगी इतना ही नहीं झूठी शिकायत के बदले उसे जोन ऑफिस और थाने में भी माफी मांगनी पड़ी
यह मामला तब सामने आया जब बी पी सिंह ने चार लोगों पर मानहानि का मुकदमा दायर कर 1 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था।
क्या है मामला?
बी पी सिंह ने आरोप लगाया था कि बिज्जू राव ने अपने साथियों नसीब निषाद, दिलहरन निषाद, और रतन लाल यादव के साथ मिलकर छवि खराब करने के लिए षडयंत्र पूर्वक झूठी शिकायत दर्ज करवाई। इसमें भूमि विवाद का झूठा आरोप लगाकर बी पी सिंह की राजनीतिक छवि और भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया।
इस षड्यंत्र के पीछे बिज्जू राव की पुरानी राजनीतिक असफलताएं मानी जा रही हैं। पिछले निकाय चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उन्हें भाजपा मंडल जयरामनगर से निष्काषन की अनुशंसा कर जिला भेज दिया गया था और पिछले 5 वर्षों से पार्टी ने भी दूरी बना ली थी , विधान सभा और लोकसभा चुनाव में भी पार्टी विरोधी कार्य करने की शिकायत संगठन द्वारा की गई थी ,
पुलिस ने थाने में बिठाया..
बी पी सिंह की शिकायत पर तोरवा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी चारों आरोपियों को थाने बुलाया और मामले की गहन जांच शुरू की। जांच में आरोपियों के खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उनके बयान और माफीनामा लेकर कार्रवाई की गई।
आरोपियों की लिखित माफी..
मामला न्यायालय तक पहुंचने के बाद आरोपियों ने बी पी सिंह की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी। उन्होंने नोटिस के माध्यम से यह स्वीकार किया कि उनका उद्देश्य जानबूझकर उनकी छवि खराब करना था उनके पास उनके विरुद्ध कोईसबूत नहीं है और इस गलती के लिए वे खेद प्रकट करते हैं।
बी पी सिंह : यह माफी मेरे लिए संतोषजनक नहीं है। सोशल मीडिया में शेयर करने से मानसिक आघात हुआ है, पर्दे के पीछे इस कार्य में लिप्त सभी को न्यायालय में खड़ा करेंगे । मैंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है,जल्द ही न्यायालय इन सभी के खिलाफ कार्यवाही करेगा और कोर्ट में इन्हें जवाब देना पड़ेगा ।

