
रायपुर / एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में 12 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में एसीबी और ईओडब्ल्यू ने सुबह तड़के छह हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में शामिल लोगों के यहां दबिश दी है।
इस केस में कुल 13 जगहों पर एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने रेड मारी है। इस केस से जुड़ें कारोबारियों में क्रमश: बिलासपुर, सरगांव के भाटिया डिस्टलरी, कोटा के वेलकम डिस्टलरी, दुर्ग जिले के कुम्हारी स्थित केडिया डिस्टलरी, रायपुर के अनवर ढेबर, विवेक ढांढ, अनिल टुटेजा सहित कई लोगों के यहां जांच चल रही है। टीम इन जगहों पर पहुंचकर कागजों की जांच-पड़ताल कर ही है। इन सभी करोबारियों के नाम ईडी की चार्जशीट में भी शामिल हैं। अचानक की गई इस कार्रवाई से प्रदेश के शराब कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं।
‘सबूतों के आधार पर कार्रवाई’
वहीं डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि ईडी हो या ईओडब्ल्यू, जांच एजेंसिया सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई करती हैं। जहां-जहां सबूत मिलेगा, वो वहां-वहां कार्रवाई करेगी। इसके अलावा विपक्ष के इंडिया गठबंधन पर कहा कि जब से गठबंधन बना है, वो आपस में उलझ रहे हैं। उन्हें एक-दूसरे पर भरोसा नहीं है इसलिए जनता भी ऐसे गठबंधन पर भरोसा नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर समीक्षा की गई है। इस चुनाव में पार्टी योग्य और जितने वाले उम्मीदवारों को ही मौका देगी। पार्टी सभी चुनाव को गंभीरता से लेती है। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी पूरी ताकत से जुट गई हुई। हमें विश्वास है कि जो जनता ने जो भरोसा बीजेपी पर किया है, उस पर हम खरा उतरेंगे। राज्य की 11 की 11 लोकसभा सीटें जीतेंगे।
ईओडब्ल्यू ने जिनके यहां छापा मारे हैं, उनमें पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, पूर्व आईएएस निरंदास दास, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, सरकारी शराब कंपनी के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी, आबकारी अधिकारी सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, अरविंद सिंह, सिद्धार्थ सिंघानिया, अनवर ढेबर और नोएडा में विधु गुप्ता आदि शामिल हैं।
एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी के पत्र के आधार पर जनवरी 2024 में एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस और अन्य सरकारी ऑफिसर और लोग सहयोग किये थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस ऑफिसर हैं, जब घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी थे। वहीं अनवर ढेबर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई और शराब कारोबारी है।
ईडी ने शराब और कोयला घोटाला मामले में दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत, पूर्व विधायक, गुलाब कमरो, शिशुपाल, बृहस्पत सिंह, चंद्रदेव प्रसाद राय, यूडी मिंज, विधायक देवेंद्र यादव के नाम शामिल हैं। इनके अलावा 2 निलंबित आईएएस (समीर विश्नोई, रानू साहू), रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर और कांग्रेस कोषाध्यक्ष समेत अन्य के नेताओं के नाम शामिल हैं
