A newborn child suffering from a rare disease got a new life, returned home healthy..
बिलासपुर। दुर्लभ बीमारी कंजेनिटल डायफ्रैग्मेटिक हर्निया (CDH) से ग्रसित एक नवजात बच्ची को श्री शिशु भवन, ईदगाह रोड में नया जीवन मिला। जन्म के बाद गम्भीर हालत में पहुंची इस बच्ची का डेढ़ माह तक इलाज चला और अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौट आई है।
गंभीर हालत में लाई गई थी नवजात..

छतौना हाई कोर्ट के पास रहने वाले दीपक यादव और नामेश्वरी यादव की बेटी पूर्वी यादव का जन्म जिला अस्पताल में हुआ था। जन्म के तुरंत बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि बच्ची को CDH नामक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें आंतें पेट के बजाय छाती में विकसित हो जाती हैं। नवजात की स्थिति गंभीर होती जा रही थी, इसलिए उसे 17 फरवरी 2025 को श्री शिशु भवन रेफर किया गया।
10-15% ही थी बचने की संभावना..
श्री शिशु भवन में डॉ. श्रीकांत गिरी के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने बच्ची का इलाज शुरू किया। डॉ. गिरी ने बताया कि इस बीमारी में ठीक होने की संभावना केवल 10-15% होती है। डॉ. अनुराग कुमार, डॉ. रवि द्विवेदी, डॉ. प्रणव अंधारे, डॉ. अभिमन्यु पाठक और डॉ. पवन की टीम ने मिलकर बच्ची की सर्जरी की और लगातार उसकी निगरानी की।
डेढ़ महीने बाद खुशियों के साथ हुई विदाई..

बेहतर इलाज और डॉक्टरों की मेहनत से बच्ची डेढ़ माह में पूरी तरह स्वस्थ हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने उसकी विदाई से पहले उपहार देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना की। माता-पिता ने कहा, “हम बेटी की बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिया।”

श्री शिशु भवन ने एक और मासूम को नई जिंदगी देकर इंसानियत की मिसाल पेश की है।

