जमीन के खेल में ₹53 लाख देकर भी हाथ खाली ! टैगोर इंस्टीट्यूट का संचालक कर रहा धोखाधड़ी..

बिलासपुर। शहर में जमीन का कारोबार अब एक सौदे में दो फायदे की कहावत चरितार्थ कर रहा है। उसलापुर की जमीन सौदेबाजी का विवाद दिन ब दिन गरमाता जा रहा है, टैगोर इंस्टीट्यूट के संचालक पर 55 लाख के करार में 53.24 लाख रुपए लेने के बाद भी सिर्फ आधी जमीन की रजिस्ट्री किए जाने का आरोप है। सुकांत विश्वकर्मा ने 52 डिसमिल जमीन का सौदा किया, लेकिन बुधवार को केवल 28 डिसमिल ही रजिस्ट्री कराई। बाकी बची 24 डिसमिल जमीन को अब वह कथित तौर पर बाजार में ज्यादा कीमत पर दूसरे ग्राहक को बेचने की तैयारी में हैं।

अपनी पूरी कमाई गंवाने के डर से उसलापुर साई नगर निवासी मनोज सिंह ने अपने साझेदारों के साथ बुधवार को ही एसएसपी रजनेश सिंह से मिलकर गुहार लगाई थी।

अब पुलिस के पाले में गेंद..

मनोज सिंह की शिकायत पर अब पुलिस हरकत में आ गई है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि एसएसपी रजनेश सिंह ने इस गंभीर धोखाधड़ी के मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

थाना प्रभारी सिविल लाइन को इस मामले में जांच कर सुकांत विश्वकर्मा के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया है। पुलिस का यह कदम पीड़ित पक्ष को राहत देने वाला है, जिन्होंने शिकायत में आशंका जताई थी कि यदि शेष 24 डिसमिल जमीन किसी और के नाम हो गई तो उन्हें भारी क्षति होगी।

कैश लेकर चंपत होने की तैयारी !

मनोज सिंह ने बताया कि सुकांत विश्वकर्मा ने जानबूझकर पूरी रकम लेने के बाद भी शेष 24 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। उनका साफ आरोप है कि यह उनकी पूंजी हड़पने और जमीन को ‘डबल रेट’ पर बेचने की प्लानिंग है।

मनोज ने एसएसपी को बताया है कि शेष 24 डिसमिल जमीन का सौदा यदुनंदन नगर निवासी मोहम्मद आदिल और सिटी रियल स्टेट के साथ किया जा चुका है। ऐसे में पुलिस को जल्द से जल्द दूसरे सौदे पर रोक लगाकर जमीन की रजिस्ट्री पहले खरीदार यानी मनोज सिंह के पक्ष में करानी होगी। जमीन के इस हाफ पेमेंट, हाफ डिलीवरी वाले मामले ने शहर के कारोबारियों और आम जनता को सकते में डाल दिया है।

लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि जब बड़े नाम ही ऐसी हरकतें करेंगे तो आम आदमी कहां जाए?

क्या बिलासपुर में अब जमीन का सौदा केवल धोखाधड़ी की गारंटी है?

पीड़ित मनोज सिंह ने बताया कि उन्होंने बरसों की मेहनत की कमाई इस जमीन में लगाई थी। उनके पैसे पर कब्ज़ा कर अब उन्हें बेघर करने की तैयारी है। उन्होंने एसएसपी से मांग की है कि उनकी शेष 24 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री बिना किसी देरी के कराई जाए और सुकांत विश्वकर्मा पर धोखाधड़ी का सख्त मुकदमा दर्ज हो।

अब देखना यह है कि आज (गुरुवार) पुलिस इस मामले में आरोपी के खिलाफ कब तक एफआईआर दर्ज करती है और 24 डिसमिल जमीन बचाने के लिए क्या कार्रवाई करती है।