

गरियाबंद-धमतरी। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कोर इलाके में कब्जा करने और पेड़ काटने पहुंचे 53 बाहरी लोगों को वन विभाग ने रंगे हाथों दबोच लिया है। कोंडागांव जिले के अलग-अलग गांवों से आई यह टोली हाथ में कुल्हाड़ी लेकर जंगल साफ करने की तैयारी में थी ताकि वहां खेती कर सके। मंगलवार को हुई इस बड़ी कार्रवाई के बाद धमतरी कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इन लोगों पर वन्यप्राणी संरक्षण कानून की गंभीर धाराएं लगाई गई हैं जिसमें 3 से 7 साल तक की जेल हो सकती है।
नक्शा लेकर कब्जा करने आए थे बाहरी लोग..
हैरानी की बात यह है कि ये लोग किसी एक गांव के नहीं बल्कि कोंडागांव के देवडोंगर, कोरगांव और कोहकामेटा जैसे दर्जनों गांवों से इकट्ठा होकर आए थे। इनका इरादा हाथियों और तेंदुओं के घर यानी महानदी कैचमेंट एरिया में घुसकर जंगल का सफाया करना था। ये लोग घोटबेड़ा के कक्ष क्रमांक 323 में घुसकर छोटे पेड़ और झाड़ियां काट रहे थे तभी वन अमले ने इन्हें चारों तरफ से घेर लिया। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके से 53 नग कुल्हाड़ियां भी बरामद की हैं।
3 साल में 750 हेक्टेयर जंगल कराया आजाद..
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के रिकॉर्ड बताते हैं कि यहां कब्जे का खेल पुराना है। विभाग पिछले 3 साल में करीब 750 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमणकारियों के चंगुल से छुड़ा चुका है। बावजूद इसके बाहरी जिलों से लोगों का जत्था बनाकर यहां आना और अभयारण्य के कोर जोन में घुसपैठ करना सिस्टम की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। पकड़े गए आरोपियों में से कई लोग खेती के नाम पर जंगल उजाड़ने की फिराक में थे जिसे विभाग ने वक्त रहते नाकाम कर दिया।
अधिकारियों ने घेराबंदी कर पकड़ा..
कार्रवाई के दौरान एसडीओ भोपाल सिंह राजपूत और रेंजर सुशील सागर ने टीम के साथ मौके पर दबिश दी। डिप्टी रेंजर लोकेश्वर चौहान और वन बल की टीम ने सभी 53 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 और भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत अलग-अलग तीन अपराध दर्ज किए गए हैं। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि टाइगर रिजर्व में किसी भी तरह की मानवीय गतिविधि प्रतिबंधित है और जो भी कानून तोड़ेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
जंगल की सेहत और कानून का हंटर..
वन्यप्राणी रहवास क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के कारण इन सभी को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कानून के जानकारों का कहना है कि टाइगर रिजर्व के अंदर इस तरह की घुसपैठ और कटाई पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। यही वजह है कि वन विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए इन्हें सीधे जेल भेजने की तैयारी की। इलाके में अब भी वन कर्मी गश्त कर रहे हैं ताकि कोई और गिरोह इस तरह की हिमाकत न कर सके।



