बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान सिम्स में लंबे समय से मिल रही निजी अस्पतालों के दलालों की शिकायत पर प्रबंधन ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार 22 अक्टूबर 2025 की सुबह सिम्स के टाइज वार्ड में मरीजों और उनके परिजनों को बहला फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जाने की कोशिश कर रहे एक दलाल को सुरक्षाकर्मियों ने धर दबोचा। आरोपी को पूछताछ के बाद सिम्स चौकी के जरिए सिटी कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया है, जिस पर अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा घटनाक्रम..
सिम्स प्रबंधन को पिछले कुछ समय से लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि निजी अस्पतालों से जुड़े कुछ दलाल सिम्स परिसर में सक्रिय हैं। ये दलाल मरीजों के पास जाकर उन्हें भ्रमित करते थे। सूत्रों के मुताबिक वे कहते थे कि सिम्स में डॉक्टर नहीं हैं या यहां इलाज महंगा है, जबकि बाहर निजी अस्पताल में सस्ता इलाज मिल जाएगा।
मंगलवार सुबह लगभग 6 बजे टाइज वार्ड में एक व्यक्ति संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया। सुरक्षाकर्मियों ने देखा कि यह व्यक्ति मरीजों और उनके परिजनों से अनर्गल बातें कर रहा है। संदेह होने पर सुरक्षा सुपरवाइजर लघु शर्मा को इसकी सूचना दी गई। सुरक्षा टीम तत्काल मौके पर पहुंची और आरोपी से पूछताछ की। आरोपी की पहचान उसलापुर निवासी अभिषेक निर्मलकर पिता शत्रुघ्न निर्मलकर के रूप में हुई। उसकी गतिविधियों की पुष्टि होने के बाद उसे तत्काल सिम्स चौकी के हवाले कर दिया गया।
अधिष्ठाता ने दिए सख्त निगरानी के निर्देश..
सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि संस्थान में मरीजों का हित सर्वोपरि है। किसी भी बाहरी व्यक्ति द्वारा मरीजों को गुमराह करने या उनके उपचार में बाधा डालने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सुरक्षा टीम की तत्परता की सराहना की और भविष्य में ऐसे तत्वों पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
सिटी कोतवाली पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है। सिम्स प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि अस्पताल परिसर में दलालों की कोई जगह नहीं है और ऐसे तत्वों पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

