भोजली पर्व पर मितान बनाएं

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बिलासपुर।लोकतिहार भोजली, को फ्रेंडशिप का छत्तीसगढ़ी वर्जन कहा जाता है।भोजली का अर्थ- “भूमि में जल” माना गया है। इस दिन भोजली दे कर या कान में लगा कर खून के रिश्ते से मजबूत मितान याने मित्र बनाया जाता है।
आओ हम आज मितान बनाएं, जो प्रकृति से कट रहे हैं, वह प्रकृति के समीप हो जाएं।
हम मितान बनाये..
1,जल को.. पानी प्रदूषित न करें न करने देवें।
2,जंगल को..हरे भरे जंगल पृथ्वी के नैसर्गिक ‘आक्सिजोन’ हैं ये वन्यजीवों और जंगल में रहने वालों लोगों को आश्रय देते हैं।
3,जमीन को..जमीन की उर्वरता बनी रहे,जमीन महंगी हो रही है पैसे वाले गरीबों की जमीन पर गिद्ध दृष्टि लगाएं हैं। वो जानते हैं, कोई मात्र सौ रुपये की चोरी करें तो जेल तय है, लेकिन बेशकीमती जमीन पर कब्जा करो तो कोर्ट में पीढ़ियों तक केस चल रहता है। ऐसे दुष्ट लोगों का सामाजिक बहिष्कार करें,अपनी जमीन ना बेचें,बैंक लोन देता है उससे उबर सकते हैं।
“लोक तिहार जम कर मनाये,
उसके पीछे सन्देश को समझें
जल, जंगल,जमीन हम बचाएं’
मित्रता,विश्वास और सम्मान दिवस भोजली पर सबको बधाई।।🙏🏼💕

*डॉ रवि सोनी*
*प्रदेश मीडिया प्रभारी छ ग जनपद सदस्य संघ*
*सभापति जनपद पंचायत तखतपुर*