बहादुरी : शिकारियों के फंदे में फंसा था तेंदुआ, ड्रोन फेल हुआ तो जान जोखिम में डालकर एसडीओ ने जाल डाल कर पकड़ा..

गरियाबंद । उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कोकोड़ी गांव में गुरुवार को एक घायल तेंदुए ने दहशत फैला दी। शिकारियों के बिछाए क्लच वायर के दो फंदों में फंसकर तेंदुआ बुरी तरह जख्मी हो गया था। जब घनी झाड़ियों के कारण ड्रोन से उसे काबू करना मुश्किल हो गया, तब एंटी पोचिंग टीम के नोडल अधिकारी और एसडीओ गोपाल कश्यप ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अकेले ही तेंदुए पर जाल फेंककर उसे दबोच लिया। अगर समय रहते यह हिम्मत न दिखाई जाती, तो घायल तेंदुआ ग्रामीणों और बच्चों पर हमला कर सकता था।

आसान शिकार की तलाश में बस्ती पहुंचा था तेंदुआ..

अधिकारियों के मुताबिक तेंदुआ पिछले 7 दिनों से गले में फंसे दो लोहे के फंदों के कारण तड़प रहा था। घाव गहरा होने और दम घुटने की हालत के कारण वह शिकार नहीं कर पा रहा था। भूख से बेहाल तेंदुए ने गांव के एक कुत्ते को अपना निवाला बनाया और फिर बस्ती के पास झाड़ियों में छिप गया। दोपहर 2 बजे ग्रामीणों की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची थी।

रात 8 बजे हुआ ऑपरेशन, 4 बजे अस्पताल शिफ्ट..

रायपुर के जंगल सफारी से डॉक्टर जय किशोर जडिया की टीम को पहुंचने में समय लगना था, इसलिए अंधेरा होने से पहले ही एसडीओ ने उसे काबू किया। रात 8 बजे डॉक्टर ने तेंदुए को बेहोश कर उसके गले से तार के फंदे काटे और ड्रिप चढ़ाकर इलाज शुरू किया। शुक्रवार तड़के 4 बजे उसे गजराज रेस्क्यू वाहन से रायपुर के अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर है।

शिकारियों की शामत, सूचना देने पर 10 हजार का इनाम..

टाइगर रिजर्व के डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि इलाके में अवैध शिकार की कोशिश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो रही है। पिछले एक हफ्ते में ही 19 शिकारी पकड़े जा चुके हैं। जो भी व्यक्ति फंदे लगाने वाले शिकारियों की जानकारी देगा, उसे 5 हजार से 10 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। जानकारी देने वाले की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाएगी।

ग्राउंड जीरो के हालात : स्टाफ कम, हौसले बुलंद..

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में फिलहाल मात्र 35 प्रतिशत स्टाफ तैनात है और गाड़ियों की भी भारी कमी है। इसके बावजूद टीम लगातार एक्शन मोड में है। अधिकारियों का कहना है कि अब शिकारियों के साथ-साथ जंगलों में कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारियों पर भी बुलडोजर चलेगा। पिछले 3 साल में 750 हेक्टेयर जमीन को कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है।

इनकी रही मुख्य भूमिका..

इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीओ गोपाल कश्यप, डॉक्टर जय किशोर जडिया, एसडीओ केजूराम कोरचे, रेंजर चंद्रबली ध्रुव और गजराज वाहन की टीम के साथ कोकोड़ी गांव के लोगों का विशेष योगदान रहा।