उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में नर सांभर का शिकार : खून के धब्बों से खुला राज, 12 ग्रामीण गिरफ्तार..

गरियाबंद। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कुल्हाड़ीघाट परिक्षेत्र में शिकारियों ने एक नर सांभर का तीर-धनुष से शिकार कर उसका मांस आपस में बांट लिया। वन विभाग की टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि कुछ अन्य साथी अभी फरार हैं। यह पूरी कार्रवाई कुल्हाड़ीघाट के जंगलों में पेट्रोलिंग के दौरान मिले खून के धब्बों और कैमरा ट्रैप की मदद से मुमकिन हो पाई है।

खून के छींटों ने पहुंचाया आरोपियों के घर तक..

वन विभाग के मुताबिक 15 दिसंबर को पेट्रोलिंग टीम को शेश्पगार जलप्रपात के पास जमीन पर खून के छींटे दिखाई दिए थे। इसके बाद जब इलाके के कैमरा ट्रैप फुटेज खंगाले गए और मुखबिरों से जानकारी जुटाई गई, तो शिकार की परतें खुलने लगीं। जांच में पता चला कि 11 दिसंबर को सिहार गांव के लोग डंडईपानी गांव में देवी देवता जातरा कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। अगले दिन लौटते वक्त सिहार, डंडईपानी और चिंहरापारा के 17 लोगों ने मिलकर जंगल में एक नर सांभर को घेर लिया और तीर-धनुष से उसका शिकार कर दिया।

तलाशी में घर की बाड़ी से मिला मांस और सींग..

मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने 16 दिसंबर को संदिग्धों के घरों की तलाशी ली। इस दौरान महादेव कमार, बृजलाल, पुसऊ और राधेश्याम के घर और बाड़ी से शिकार में इस्तेमाल तीर-धनुष, जंगली सुअर को फंसाने वाला क्लच वायर का फंदा, सांभर के दो सींग और करीब आधा किलो मांस बरामद हुआ। पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और टीम को उस जगह भी ले गए जहां सांभर को काटकर पकाया गया था। मौके पर सांभर की हड्डियां और चूल्हे के निशान भी मिले हैं।

इन 12 शिकारियों को भेजा गया जेल..

वन रक्षक ओम प्रकाश राव ने वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पकड़े गए आरोपियों में महादेव, बृजलाल, पुसऊ, राधेश्याम, बिरसिंग सोरी, जमी लाल नेताम, गांड़ाराम सोरी, मोती राम, अभिमन्यु सोरी, नोहर लाल सोरी, सांतु राम नेताम और खामेश्वर सोरी शामिल हैं। विवेचना अधिकारी कोमल बिसेन ने बताया कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर गरियाबंद न्यायालय में पेश किया गया है। फरार आरोपियों की तलाश के लिए जंगल में घेराबंदी की जा रही है।

अफसरों की चौकसी से पकड़े गए अपराधी..

यह बड़ी कामयाबी पीसीसीएफ (वाइल्डलाइफ)अरुण पांडेय और क्षेत्र संचालक सतोविशा समाजदार के मार्गदर्शन में मिली है। कार्रवाई के दौरान डिप्टी डायरेक्टर वरुण जैन ने बताया कि एंटी पोचिंग टीम और स्थानीय वन अमला लगातार निगरानी कर रहा था। इस ऑपरेशन में सहायक संचालक गोपाल कश्यप, रेंजर देव नारायण सोनी और ताराझर के सहायक परिक्षेत्र अधिकारी कोमल बिसेन की टीम ने अहम भूमिका निभाई। विभाग ने स्पष्ट किया है कि वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।