कांग्रेस ने गाइडलाइन दरें घटाईं ताकि काले धन को ज़मीन में खपाया जा सके : शिवरतन शर्मा..

बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार पर राज्य में हुए बड़े घोटालों के काले धन को रियल एस्टेट में खपाने के लिए गाइडलाइन दरों में भारी कमी करने का गंभीर आरोप लगाया।

भाजपा के शिवरतन शर्मा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सनसनीखेज जानकारी दी।शर्मा ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने गाइडलाइन दरों को बढ़ाने के बजाय उसमें 30 प्रतिशत तक की कमी कर दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम कोयला, शराब, पीएससी, महादेव ऐप और डीएमएफ जैसे घोटालों से आए हजारों करोड़ रुपये के काले धन को जमीन जायदाद में निवेश करने के लिए उठाया गया था।

कुछ खास क्षेत्रों में 40 प्रतिशत तक दर कम..

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में 2022 में कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए गाइडलाइन दरों को 40 प्रतिशत तक कम कर दिया गया था। इसका मकसद साफ था कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार से कमाए गए काले धन को इन खास इलाकों की जमीनों पर खपाया जा सके।

उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में अब यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि कांग्रेस के लोगों ने बीते पांच सालों में जमीन जायदाद में भारी निवेश किया है। उन्होंने कहा कि डेढ़ सौ एकड़ से दो सौ एकड़ तक के फार्म हाउस बनाए गए और काले धन का उपयोग करके जमीनों पर कब्जा किया गया। श्री शर्मा ने बताया कि ऐसे सैकड़ों से अधिक संपत्तियां अब अटैच की जा चुकी हैं।

भू अर्जन और ग्रामीण दरों में भी बड़ा अंतर..

शर्मा ने गाइडलाइन दरों की विसंगतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में दो अलग अलग दरें लागू थीं: वर्गमीटर दर और हेक्टेयर दर। वर्गमीटर की दर 500 वर्ग मीटर तक लागू होती थी, जबकि इससे बड़े भूखंडों पर हेक्टेयर दर लागू होती थी। इन दोनों दरों के बीच 5 से 20 गुना तक का भारी अंतर था।

उन्होंने कांग्रेस के समय हुए भू अर्जन घोटालों का भी उल्लेख किया। उन्होंने भारत माला स्कैम, एनटीपीसी अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना, उरगा कटघोरा राष्ट्रीय राजमार्ग और अरपा भैंसाझार परियोजना को इसके उदाहरण बताया।

भाजपा सरकार ने मध्यम वर्ग को दी राहत..

शर्मा ने इस दौरान वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा जमीन रजिस्ट्री में किए गए जनहितकारी संशोधनों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब परिवर्तित भूमि खरीदने पर सिंचित भूमि की दर से शुल्क लिया जाएगा, जबकि पहले यह ढाई गुना दर से लगता था। असिंचित भूमि होने पर 20 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है। साथ ही, दो फसली भूमि होने पर रजिस्ट्री में लगने वाला 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है।

शहरी क्षेत्रों के लिए उन्होंने कहा कि अब फ्लैट या बहुमंजिला भवन में केवल बिल्टअप एरिया पर ही रजिस्ट्री शुल्क लिया जाएगा, जबकि पहले यह सुपर बिल्टअप एरिया पर लगता था। इससे मध्यम वर्गीय परिवार को 20 से 30 प्रतिशत तक का लाभ मिलेगा।

इस पत्रकार वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, कोषाध्यक्ष गुलशन ऋषि, जिला मीडिया प्रभारी के के शर्मा, सह प्रभारी दुर्गेश पांडेय और प्रदीप कौशिक (तखतपुर) भी मौजूद थे।