बिलासपुर का कोपरा जलाशय बना प्रदेश का पहला रामसर साइट..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के लिए शुक्रवार का दिन गौरव लेकर आया, जब बिलासपुर जिले के कोपरा जलाशय को प्रदेश का पहला रामसर साइट घोषित कर दिया गया। यह खबर सुनते ही पूरे राज्य में खुशी की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बड़ी उपलब्धि पर अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए बहुत गर्व और सम्मान की बात है।

जैव विविधता को मिली वैश्विक पहचान..

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कोपरा जलाशय को यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना, राज्य की समृद्ध जैव विविधता, यहाँ के पक्षी आवासों और जल संरक्षण के लगातार हो रहे प्रयासों का वैश्विक प्रतीक है। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए राज्य वेटलैंड प्राधिकरण, पर्यावरण विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और सबसे खास बात, स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयासों की दिल से सराहना की। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि इन सबकी कड़ी मेहनत और सहयोग से ही कोपरा जलाशय अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतर सका और छत्तीसगढ़ को दुनिया में एक नई पहचान मिली।

अब इको टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा..

सीएम साय ने बताया कि कोपरा जलाशय को रामसर दर्जा मिलना “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” के तहत एक बड़ी कामयाबी है। इस विजन में 2030 तक प्रदेश के 20 वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) को रामसर साइट घोषित कराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वैश्विक मान्यता से प्रदेश में इको टूरिज्म को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार के नए दरवाज़े खुलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, यह उपलब्धि पर्यावरण संरक्षण की नीति को मजबूत करती है और भावी पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से की अपील..

मुख्यमंत्री साय ने इस खुशी के मौके पर प्रदेशवासियों से एक खास अपील भी की। उन्होंने कहा कि यह अमूल्य प्राकृतिक धरोहर केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से इसकी सुरक्षा और संवर्धन में सक्रिय रूप से भाग लेने को कहा। उन्होंने जोर दिया कि सबकी सहभागिता से ही छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊँचाइयों को छू पाएगा।