रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग वन मंडल के तहत आने वाले गिधवा परसदा वेटलैंड कॉम्प्लेक्स को अब बर्ड सफारी के तौर पर विकसित किया जाएगा। यह इलाका करीब 200 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस आर्द्रभूमि तंत्र को भविष्य में रामसर साइट में शामिल करने के लिए भी प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।



इस वेटलैंड समूह में गिधवा, नगधा, परसदा, एरमशाही और मुरकुटा जैसे पाँच गाँवों के जल क्षेत्र शामिल हैं। यह वेटलैंड रायपुर से लगभग 75 किलोमीटर दूर है और रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर नांदघाट से सिर्फ 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ 200 से अधिक स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
सेंट्रल एशियन फ्लाईवे से आते हैं प्रवासी मेहमान..


वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, हर साल सर्दी के मौसम अक्टूबर से मार्च में यहाँ प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगता है। ये विदेशी पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाईवे के रास्ते यूरोप, अमेरिका, रूस और साइबेरिया जैसे देशों से सफर करके गिधवा-परसदा पहुँचते हैं। पक्षियों के संरक्षण के लिए साल 2021 से वन मंडल दुर्ग द्वारा जनभागीदारी से पक्षी महोत्सव हमर चिरई हमर चिन्हारी का आयोजन किया जा रहा है। इस साल यह आयोजन 06 और 07 दिसंबर 2025 को करने का प्रस्ताव है।


गिधवा परसदा क्षेत्र में चार मुख्य बड़े टैंक हैं। इनमें परसदा टैंक का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा 47.50 हेक्टेयर है, जबकि गिधवा टैंक 44.00 हेक्टेयर में है। इन टैंकों में बार हेडेड गूज, फेरूजिनस डक, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड और इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर जैसी कई खास प्रजातियाँ देखी जाती हैं।
वन मंत्री केदार कश्यप ने की तारीफ..

हाल ही में गिधवा परसदा वेटलैंड एक खास पल का गवाह बना। माननीय वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने दुर्ग वन मंडल की टीम के साथ इस समृद्ध वेटलैंड का दौरा किया। दिन की सुनहरी धूप में मंत्री जी ने दूर दराज देशों से आए प्रवासी पक्षियों का अद्भुत संगम देखा। उन्होंने पक्षी मित्रों के साथ मिलकर यहाँ की प्रकृति और पक्षियों का अवलोकन किया। इसके बाद वन मंत्री ने दुर्ग वन मंडल द्वारा तैयार किए गए नए इंटरप्रिटेशन सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने आर्टिफिशियल हैबिटेट, संरक्षण व्यवस्थाओं और आगामी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने दुर्ग वन मंडल के प्रयासों की सराहना की और संरक्षण के इस सामूहिक अभियान को मजबूत बनाने के लिए सभी को प्रेरित किया।
बर्ड इंटरप्रिटेशन सेंटर की बड़ी पहल..

पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों को जानकारी देने के लिए नगधा में एक शानदार बर्ड इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया गया है। इसे 10.6 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड ने इस केंद्र के लिए साल 2022 से अब तक 1.68 करोड़ रुपये की राशि दी है।

इस सेंटर की मुख्य विशेषताओं में बर्ड डायरोमा है, जहाँ क्यूआर कोड स्कैन करके पक्षियों और वेटलैंड की पूरी जानकारी पीडीएफ में मिलती है। इसके अलावा हॉल और गैलरी में कियोस्क भी लगाए गए हैं, जो संरक्षण से जुड़ी शिक्षा देते हैं। यहाँ ऑडियो विजुअल रूम भी है, जहाँ डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाती है। अधिकारियों का कहना है कि यह सेंटर इलाके में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
पक्षी मित्र समिति करेगी पर्यटकों की मदद..


पर्यटन को बेहतर बनाने के लिए साल 2022 में स्थानीय लोगों को जोड़कर गिधवा परसदा पक्षी मित्र समिति बनाई गई है। इस समिति में पाँच गाँवों के 12 सदस्य हैं। इन सदस्यों को वन विभाग द्वारा पक्षियों और वेटलैंड से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया गया है। ये प्रशिक्षित सदस्य देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को गाइडेड टूर की सुविधा देंगे, जिससे लोगों में पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

