अंबिकापुर (सरगुजा)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला स्थित अंबिकापुर पीजी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शामिल होकर मुख्य रूप से यह संदेश दिया कि आदिवासी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखना देश के लिए अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज के लोग अपनी संस्कृति को बनाए रखे हुए हैं, जिसके लिए वे उन्हें धन्यवाद देती हैं। उन्होंने खुद को जनजाति समाज की बेटी बताते हुए इस परिवार में जन्म लेने पर गर्व व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्हें भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ।

संस्कृति, विकास और उग्रवाद उन्मूलन..

राष्ट्रपति ने कहा कि जनजाति समाज का इस देश के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि यह बेहद खूबसूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि केंद्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयासों से वामपंथी उग्रवाद का उन्मूलन सुनिश्चित होगा। अंबिकापुर में 15 नवंबर से लेकर 20 नवंबर तक जनजाति गौरव दिवस व्यापक स्तर पर मनाया गया है। राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ राज्य के 25 साल पूरे होने पर यहां के सभी लोगों को बधाई दी।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा का ‘रोटी-बेटी’ का संबंध..

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच की नजदीकी को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों राज्यों की सीमाएं एक दूसरे से लगी हैं, और यहाँ के लोगों में ‘रोटी और बेटी’ का गहरा संबंध है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के लोग ओडिशा में और ओडिशा वाले छत्तीसगढ़ में शादी करते हैं। उन्होंने झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के जनजाति समाज की विरासत को बहुत गहरी और पुरानी दोस्ती का प्रतीक बताया।

मुख्यमंत्री साय ने गिनाए सरकारी प्रयास..
जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ और सरगुजा के लिए यह बड़ा सौभाग्य का दिन है कि राष्ट्रपति ने उनके निमंत्रण पर इस जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने आई हैं। मुख्यमंत्री साय ने जनजाति समाज के संघर्ष और क्रांति को अमर बताया। उन्होंने हाल ही में नक्सल पीड़ित लोगों के राष्ट्रपति भवन दिल्ली जाकर राष्ट्रपति से मिलने और उनकी खुशी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार जनजाति समाज के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।
तेंदूपत्ता दर में वृद्धि : मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजाति समाज की आजीविका तेंदूपत्ता से जुड़ी है, इसलिए सरकार ने तेंदूपत्ता का रेट 4 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रति मानक बोरा कर दिया है।
नक्सलवाद पर सरकार का स्टैंड..
मुख्यमंत्री साय ने दावा किया कि बस्तर में नक्सलवाद अंतिम साँसें गिन रहा है और उनकी कमर पूरी तरह से टूट गई है। उन्होंने जोर दिया कि अब बस्तर में भी विकास रफ्तार पकड़ेगा, जहाँ अलग-अलग इलाकों में बिजली, पानी और दूरसंचार के साधन स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने रायपुर में जनजातीय संग्रहालय के निर्माण का भी उल्लेख किया, जिसमें छत्तीसगढ़ के जनजाति समाज के इतिहास का चित्रण है।
जशक्राफ्ट उत्पादों की राष्ट्रपति ने की सराहना, कारीगरों में बढ़ा उत्साह..

जनजातीय गौरव दिवस समारोह के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जशपुर वनमंडल के ‘जशक्राफ्ट’ (JashCraft) ब्रांड के प्रदर्शनी स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने वन प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा बाँस और सवई घास जैसे स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों से निर्मित आकर्षक हस्तशिल्प उत्पादों जैसे झुमके, माला और टोपी की विशेष प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने कारीगरों द्वारा पारंपरिक कलाकृतियों के संरक्षण एवं उनके उपयोग को सराहा, जिससे स्थानीय ग्रामीणों के आर्थिक सशक्तिकरण और क्षेत्र की समृद्ध जनजातीय कला को व्यापक पहचान मिलने की उम्मीद है।



