कोरबा। करतला वन परिक्षेत्र में जंगली हाथियों की निगरानी ड्यूटी पर तैनात दो वनकर्मियों पर देर रात लकड़ी तस्करों ने जानलेवा हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया। अवैध लकड़ी कटाई रोकने गए वनपाल चमरू सिंह कंवर और बीट गार्ड गजाधर सिंह राठिया को तस्करों ने न सिर्फ पीटा, बल्कि उन्हें जबरन वाहन में बिठाकर गांव ले गए, जहाँ 20-25 लोगों की भीड़ ने दोबारा निर्वस्त्र कर बेरहमी से मारपीट की। करतला थाने में 12 से अधिक ज्ञात तस्करों सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिससे वन विभाग और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

हाथियों की पेट्रोलिंग के दौरान मिली सूचना..
कोरबा वनमंडल के करतला क्षेत्र में पिछले पखवाड़े से 38 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है, जिनकी निगरानी के लिए वनपाल चमरू सिंह कंवर और बीट गार्ड गजाधर सिंह राठिया को तैनात किया गया था। रविवार रात दोनों अधिकारी जंगली हाथियों की पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी उन्हें कक्ष क्रमांक ओए 1464, मुड़धोवा पतरा (ग्राम जोगीपाली) के जंगल में अवैध पेड़ कटाई और लकड़ी निकालने की सूचना मिली।
ट्रैक्टर रोकते ही शुरू हुआ विवाद..

सूचना के आधार पर जब दोनों वनकर्मी मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने जंगल से आ रहे एक ट्रैक्टर को रोका। तलाशी में ट्राली में साल के तीन लट्ठे लोड मिले। ट्रैक्टर में जोगीपाली निवासी मनाराम पटेल, अंकुश पटेल सहित लगभग 8-10 लोग सवार थे। वनकर्मियों के रोकते ही तस्कर भड़क गए। उन्होंने दोनों अधिकारियों के मोबाइल छीन लिए, गालीगलौच की और फिर हाथ-मुक्कों, लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला कर दिया।
गांव ले जाकर भीड़ ने फिर पीटा, वर्दी फाड़ी..

हमलावर तस्करों ने घायल वनकर्मियों को जबरन वाहन में बिठाकर गांव की ओर ले गए और भागने पर जान से मारने की धमकी दी। गांव पहुँचकर तस्करों ने अपने रिश्तेदारों और ग्रामीणों को बुला लिया, जिसके बाद 20-25 लोगों की भीड़ ने दोनों कर्मचारियों को दोबारा बेरहमी से पीटा और उनकी वर्दी तक फाड़ दी। रिपोर्ट के अनुसार, डिप्टी रेंजर किसी तरह भाग निकले, लेकिन तस्करों ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया और निर्वस्त्र कर फिर से मारपीट की।
डीएफओ प्रेमलता यादव ने बताया कि पीड़ितों के साथ वह खुद करतला थाना पहुँचीं और आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया गया है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपकर उग्र आंदोलन करने पर भी विचार किया जाएगा।

