ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल ने रेल मंत्रालय से त्वरित हस्तक्षेप की लगाई गुहार – वेतन, अलाउंस, पदोन्नति और पेंशन से जुड़ी 9 प्रमुख मांगों पर कार्रवाई की मांग..

बिलासपुर। भारतीय रेलवे के ट्रेन मैनेजरों (गार्ड्स) की वर्षों से लंबित समस्याएं अब गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल (AIGC) ने रेल प्रशासन और मंत्रालय से एक बार फिर शीघ्र एवं न्यायसंगत समाधान की मांग की है।
काउंसिल का कहना है कि कई शिकायतें और मांगें ऐसी हैं जो लगभग दो दशकों से अनसुलझी हैं। लगातार प्रतिनिधित्व और पत्राचार के बावजूद इन पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों का मनोबल गिरा है और वे व्यावसायिक व व्यक्तिगत संकटों का सामना कर रहे हैं।

बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में AIGC के महामंत्री डी. विश्वास, जोनल प्रेसिडेंट संतोष मिश्रा, मंडल सचिव अशोक दीक्षित, मीडिया प्रभारी रजनी पटेल, शाखा सचिव डी.एन. रवि और एस.के. मांझी सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
AIGC की 9 प्रमुख मांगें..
1.8वें वेतन आयोग (8th CPC) के क्रियान्वयन में तेजी..
काउंसिल ने कहा कि 3 नवंबर 2025 को जारी 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की अधिसूचना के बाद अब इसके क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। आयोग के सुचारू संचालन हेतु पर्याप्त स्टाफ और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं ताकि कर्मचारियों को समय पर लाभ मिल सके।
2.असिस्टेंट गार्ड पद को रिकॉर्ड से हटाया जाए..
काउंसिल ने बताया कि 1991 की पार्सल लीजिंग योजना और 2006 में पार्सल स्पेस लीजिंग के बाद यह पद अप्रासंगिक हो चुका है। 2012 में रेलवे बोर्ड द्वारा इसे समाप्त करने के निर्देश के बावजूद अब तक इसे रिकॉर्ड से नहीं हटाया गया है। इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए तुरंत हटाने की मांग की गई।
3.ट्रेन मैनेजरों के वेतन स्तर का पुनर्निर्धारण..
लगभग 20 वर्षों से ट्रेन मैनेजरों के वेतन स्तर में समानता की मांग लंबित है।
AIGC ने मांग की है कि :
गुड्स गार्ड को ₹4600 ग्रेड पे,
सीनियर गुड्स गार्ड को ₹4800,
पैसेंजर ग्रेड को ₹5400
के समकक्ष वेतनमान प्रदान किया जाए।
4.MACP (वित्तीय उन्नयन) का लाभ पुनः बहाल हो..
काउंसिल ने बताया कि RBE 101/2009 और RBE 25/2011 के आदेशों से ट्रेन मैनेजर MACP लाभ से वंचित हुए। अदालत ने इन आदेशों को अमान्य पाया है, फिर भी अब तक संशोधन नहीं हुआ। इसलिए लाभ बहाल करने की मांग की गई है।
5.रनिंग अलाउंस में 25% वृद्धि..
7वें वेतन आयोग के अनुसार जब महंगाई भत्ता (DA) 50% तक बढ़ता है, तो भत्तों में 25% वृद्धि लागू होनी चाहिए। लेकिन ट्रेन मैनेजरों के रनिंग अलाउंस (TA सहित) पर यह वृद्धि लागू नहीं की गई। काउंसिल ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए 25% वृद्धि तुरंत लागू करने की मांग की।
6.24 जनवरी 2025 के JPO को निरस्त किया जाए..
काउंसिल ने कहा कि रेलवे बोर्ड का 24.01.2025 का संयुक्त प्रक्रिया आदेश (JPO) सुरक्षा निदेशालय की स्वीकृति के बिना जारी हुआ है और यह पूर्व प्रक्रियाओं के विपरीत है। इसे निरस्त कर 13.11.2024 के पुराने निर्देशों को लागू रखने की मांग की गई है।
7.28% रिक्त पदों की तत्काल भर्ती..
ट्रेन मैनेजरों के करीब 28% पद रिक्त हैं, जिससे कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार बढ़ गया है। न उन्हें पर्याप्त विश्राम मिल पा रहा है, न पारिवारिक समय। AIGC ने इन पदों को युद्धस्तर पर भरने की मांग की।
8.पेंशन नियमों में संशोधन..
AIGC ने सर्वोच्च न्यायालय के डी.एस. नकरा बनाम भारत संघ (1983) फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति तिथि के आधार पर पेंशनधारियों के साथ भेदभाव असंवैधानिक है। इसलिए केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमों के ऐसे प्रावधानों को रद्द किया जाए जो इस सिद्धांत के विपरीत हैं।
9.रनिंग अलाउंस पर आयकर छूट सीमा ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 की जाए..
2012 के बाद से कई बार रनिंग अलाउंस बढ़ा है, लेकिन आयकर छूट सीमा नहीं बढ़ाई गई। AIGC ने कहा कि ₹50,000 तक छूट दी जाए ताकि कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
समय पर कार्रवाई से बढ़ेगा मनोबल और भरोसा..
AIGC ने कहा कि यदि रेल मंत्रालय इन वर्षों से लंबित मुद्दों पर शीघ्र निर्णय लेता है, तो इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा, रेलवे संचालन की दक्षता में सुधार होगा और प्रशासन पर भरोसा भी मजबूत होगा।
ट्रेन मैनेजरों का कहना है कि उनकी मांगें केवल वेतन या भत्तों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह रेल संचालन की सुरक्षा और कार्य संतुलन से भी सीधे जुड़ी हैं। यदि इन पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में रेलवे कर्मचारियों में असंतोष और बढ़ सकता है।

