सैकड़ों श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट पर आस्था और सेवा का संदेश दिया..

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। आस्था, भक्ति और सेवा का प्रतीक मैकल परिक्रमा 11 नवंबर को गणेशधुना आश्रम में विधिवत संपन्न हुई। यह परिक्रमा 5 नवंबर से प्रारंभ होकर 11 नवंबर तक चली, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लेकर मां नर्मदा के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण प्रकट किया।
इस धार्मिक यात्रा में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति और दुर्गा वाहिनी जिला जीपीएम की टीम बड़ी संख्या में शामिल रही। सभी ने मार्गभर यात्रियों के स्वागत, सेवा और सहयोग में सक्रिय भूमिका निभाई।
आशीर्वाद से प्रारंभ हुई यात्रा..

मैकल परिक्रमा का शुभारंभ श्री श्री 1008 श्री सीताराम राम महराज जी के आशीर्वाद से हुआ। यात्रा के मार्गदर्शक श्री श्री 108 श्री भगवान दास जी महाराज ने समापन अवसर पर समस्त यात्रियों और सहयोगियों को सम्मानित कर आशीर्वाद प्रदान किया।
उन्होंने कहा कि यह परिक्रमा केवल यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक साधना और सेवा का माध्यम है, जो नर्मदा माता की कृपा से पूर्ण होती है।
सेवा और समर्पण की मिसाल..
परिक्रमा के दौरान विश्व हिंदू परिषद की टीम ने लगातार यात्रियों की सेवा और सुविधा के लिए कार्य किया।
जिला अध्यक्ष हर्ष छाबरिया के नेतृत्व में परिषद के सदस्यों ने मां नर्मदा के प्रति भक्ति और यात्रियों के प्रति सेवा भाव का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से – स्वामी कृष्ण प्रपन्नाचार्य, पुरुषोत्तम नाथ पिपरहा,राजकमल तिवारी, हनुमान गर्ग, बजरंग दल जिला संयोजक सागर पटेल,मातृशक्ति संयोजिका प्रिया त्रिवेदी, दुर्गा वाहिनी जिला संयोजिका आकांक्षा साहू,सरोज पवार, रामजी श्रीवास, मोहिनी शंकर, प्रकाश साहू, निखिल परिहार,विनय पांडे, शुभम गुप्ता, शिवम् साहू, भूपेंद्र, देवांश,संतोषी साहू, कशिश साहू, संतोषी गोस्वामी और रश्मि सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।
भक्ति, सेवा और एकता का संगम..
मैकल परिक्रमा न केवल धार्मिक आयोजन रहा, बल्कि इसने समाज में सेवा, सहयोग और सामूहिक श्रद्धा का अद्भुत संदेश दिया। विश्व हिंदू परिषद और उससे जुड़ी इकाइयों की सहभागिता ने इस यात्रा को और अधिक संगठित, अनुशासित और भावनात्मक रूप से प्रेरक बनाया।
मां नर्मदा की कृपा से यात्रा रही सफल..
यात्रा के समापन अवसर पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने कहा कि यह परिक्रमा मां नर्मदा की असीम कृपा से सफलतापूर्वक पूर्ण हुई।श्रद्धालुओं ने अगले वर्ष फिर इसी उत्साह के साथ परिक्रमा में सम्मिलित होने का संकल्प लिया।

