पचपेड़ी/बिलासपुर। पचपेड़ी के ग्राम पंचायत गोडाडीह में स्थित जिंदल माइंस में बाहरी मजदूरों को नियुक्त किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने उग्र प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि माइंस प्रबंधन ने स्थानीय युवाओं और जमीन देने वाले प्रभावित परिवारों को रोजगार देने का जो वादा किया था, उसकी अवहेलना की जा रही है।

स्थानीय योग्य युवक बेरोजगार, बाहरियों को मिली नौकरी..
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हाल ही में माइंस प्रबंधन द्वारा चार बाहरी मजदूरों को नियुक्त किया गया है, जबकि गाँव के कई योग्य और बेरोजगार युवक काम की तलाश में हैं। इस अन्यायपूर्ण नियुक्ति से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
ग्रामीण प्रतिनिधि माहेश्वरी भारती और शांतनु कुर्रे ने मीडिया से बातचीत में कहा, “बाहरी लोगों को काम पर रखने के बजाय गाँव के बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दी जाए। जिनकी जमीन माइंस के लिए ली गई है, उन्हें रोजगार देना कंपनी की जिम्मेदारी है। यदि रोजगार नहीं दिया गया तो हम माइंस बंद करवाने तक आंदोलन जारी रखेंगे।”
९० दिन के धरने के बाद भी नहीं मिला रोजगार..
ग्रामीणों ने याद दिलाया कि इसी माइंस के विरोध में लगभग एक वर्ष पूर्व उन्होंने ९० दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था। उस समय प्रबंधन ने स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक वे वादे पूरे नहीं किए गए हैं। वादे पूरे न होने से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों ने तत्काल मांग की है कि :
बाहरी मजदूरों की नियुक्ति तुरंत रद्द की जाए।
गाँव के युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जाए।
जमीनदारी प्रभावित परिवारों को रोजगार देने में प्राथमिकता सूची में रखा जाए।
ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे एक बार फिर उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

