उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में 158 हेक्टेयर वनभूमि पर कब्ज़ा, बेदखली के दौरान वनकर्मियों पर दो बार जानलेवा हमला..

गरियाबंद। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के तौरेंगा बफर क्षेत्र में वन विभाग की टीम पर ओडिशा, बस्तर, कांकेर और कोण्डागांव जिलों के करीब 65 अतिक्रमणकारियों ने दो बार हमला कर दिया। ये लोग कई सालों से आरक्षित वन कक्ष 1201 और 1202 में लगभग 158.724 हेक्टेयर वनभूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर मकान, बाड़ी और खेती कर रहे थे।

बेदखली की पहली कार्रवाई 26 मई 2023 को हुई, जिसमें लाठी, पत्थर और गुलेल से किए गए हमले में एक वनपाल और एक फॉरेस्ट गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए।

दूसरी घटना 2 जून 2023 को हुई, जब मिशन लाइफ के तहत काम करने पहुंची टीम के चार वनरक्षकों और दो वाहन चालकों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया और सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की गई।

दोनों ही मामलों में हमलावर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन के कुशल मार्गदर्शन में सहायक संचालक जे पी दर्रो और गोपाल कश्यप के नेतृत्व में वन अमले ने यह कार्रवाई शुरू की।

अधिकारियों ने बताया कि इसरो की इमेजरी से यह साबित हुआ कि यह अतिक्रमण लगभग 2011-12 से है। इस कब्जे के दौरान 2020 नग कीमती वृक्षों की अवैध कटाई और 499 नग खड़े पेड़ों की गर्डलिंग (छाल निकालकर सुखाना) भी की गई थी।

वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय वन अधिनियम की धाराओं के तहत 19 अप्रैल 2023 और 2 मई 2023 को कारण बताओ नोटिस और 16 मई 2023 को 10 दिन के भीतर वनभूमि खाली करने का बेदखली आदेश जारी किया था।

26 मई को पहली बार हुआ हमला :

10 दिन की समय सीमा समाप्त होने के बाद 26 मई 2023 को उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के समस्त वन अमला और धमतरी वनमंडल के महिला स्टाफ मौके पर बेदखली के लिए पहुंचे। बेदखली के दौरान वन अमला और अतिक्रमणकारियों के बीच झूमा-झपटी हुई।

अतिक्रमणकारियों ने लाठी, पत्थर और गुलेल से हमला कर दिया, जिससे एक वनपाल और एक फॉरेस्ट गार्ड के सिर और पैर में गंभीर चोटें आईं। घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया। इस कार्रवाई में 64 कच्ची झोपड़ियाँ और 1 पक्की मकान तोड़कर वन क्षेत्र को मुक्त कराया गया।

हमलावरों के विरुद्ध थाना जुगाड़ और शोभा में एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसकी पुलिस कार्रवाई की सूचना वन विभाग को नहीं मिली है। वन विभाग ने मानवीय आधार पर 5 गिरफ्तार व्यक्तियों को छोड़ा और उनका सामान लौटा दिया।

2 जून को दूसरी बार हमला, वनकर्मी बंधक :

अवैध ग्राम ईचरादी को बेदखल करने के बाद, 2 जून 2023 को खाली कराई गई जमीन पर भू-जल संरक्षण के लिए कंटूर ट्रेंच निर्माण कार्य शुरू करने वन अमला फिर से पहुंचा। वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा बफर ने बताया कि ग्रामीण पहले जाने को तैयार थे, लेकिन आस-पास के ग्रामीणों ने उन्हें गुमराह कर दिया।

इसके बाद अतिक्रमणकारियों ने विभाग के चार वनरक्षकों और दो वाहन चालकों को बंधक बना लिया और लाठी, डंडा, सरिया, कुल्हाड़ी से मारपीट की। साथ ही सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की गई।

इस घटना के बाद, अवैध ग्राम ईचरादी के 12 पुरुष और 13 महिला (कुल 25) अतिक्रमणकारियों को पूछताछ के लिए वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरियाबंद के समक्ष पेश किया गया।

वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा बफर ने यह भी बताया कि सभी 65 आरोपी ओडिशा राज्य और कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर जिला के मूल निवासी हैं। गरियाबंद जिले का कोई भी व्यक्ति अतिक्रमणकारी नहीं है।

दोनों ही मामलों में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, पुलिस विभाग द्वारा की गई वर्तमान कार्रवाई की जानकारी वन विभाग को अब तक नहीं दी गई है।