बिलासपुर। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी (GGU) के हॉस्टल से तीन दिन से लापता बीएससी फिजिक्स थर्ड ईयर के छात्र अर्सलान अंसारी का शव 23 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी के तालाब से मिला। छात्र 21 अक्टूबर की शाम से लापता था, लेकिन हॉस्टल वार्डन और सुरक्षा अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। हॉस्टल के हाजिरी रजिस्टर में तीन दिन तक छात्र की अनुपस्थिति दर्ज न होना अब यूनिवर्सिटी प्रशासन की बड़ी लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इसे हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता बताते हुए उच्चस्तरीय जांच और सीसीटीवी फुटेज की मांग की है। शव को फिलहाल सिम्स मरच्यूरी में रखा गया है और पिता के आने पर पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
लापता छात्र की अनदेखी, तीन दिन बाद मिला शव..
21 अक्टूबर की शाम 5 बजे: अर्सलान अंसारी आखिरी बार वीडियो कॉल पर बात करते हुए हॉस्टल से बाहर निकला था। उसके कमरे में पंखा चलता रहा।
23 अक्टूबर यूनिवर्सिटी के तालाब में छात्र का शव मिला। छात्र के तीन दिन से लापता होने के बावजूद वार्डन, सुरक्षा अधिकारी और प्रबंधन को इसकी जानकारी नहीं थी, जबकि रोज हॉस्टल अटेंडेंस रजिस्टर भरा जा रहा था। इससे यह साफ होता है कि छात्र की अनुपस्थिति को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया या रजिस्टर में फर्जी हाजिरी भरी गई।
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर पॉलिश्ड बयान देने का आरोप..
शव मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन पर तुरंत ‘पॉलिश्ड बयान’ तैयार करने का आरोप लगा है। मीडिया सेल प्रभारी डॉ मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि “भाई आया है, लेकिन पूरी पुष्टि नहीं कर सका। पिता के आने पर पोस्टमार्टम होगा।” भोपाल से पहुंचे छोटे भाई गौहर अयूब ने शव की पहचान 60 प्रतिशत तक होने की बात कही है, लेकिन पूरी तसल्ली के लिए पिता का इंतजार है। छोटे भाई की हालत को देखते हुए पुलिस ने सिम्स में काउंसलिंग का इंतज़ाम कराया।
एबीवीपी ने कहा- प्रबंधन मामले को दबा रहा, एसआईटी बने..
शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने एसएसपी रजनेश सिंह से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में एबीवीपी ने सीधे तौर पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर घटना को दबाने का आरोप लगाया।
एबीवीपी ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी, सीसीटीवी फुटेज की जांच और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी गठन की मांग की है।
परिषद का कहना है कि 130 से अधिक सिक्योरिटी गार्ड और तीन-तीन वार्डन होने के बावजूद कोई जवाबदेह नहीं है। यह सिर्फ हादसा नहीं, यह सिस्टम की विफलता है जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन संवेदनशील विषय’ बताकर छिपा रहा है।
अधिकारी मौन, मोबाइल खोजने की तैयारी..
चीफ वार्डन डॉ.प्रतिभा मिश्रा, प्रशासनिक वार्डन डॉ. महेश ढपोला और सुरक्षा अधिकारी डॉ सीमा राय तीनों के पास सुरक्षा रिपोर्ट होने के बावजूद इस बात का कोई जवाब नहीं है कि “एक छात्र हॉस्टल से तालाब तक कैसे गया?” यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.आलोक चक्रवाल शहर से बाहर हैं। इस बीच, यूनिवर्सिटी तालाब से मोबाइल खोजने के लिए एसडीआरएफ टीम बुलाने की तैयारी कर रही है, जबकि छात्र का मोबाइल आखिरी बार हॉस्टल के बाहर लोकेशन दिखा रहा था।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि छात्र रोज अटेंडेंस देता था। उसकी अनुपस्थिति तीन दिन तक नोट नहीं की गई। यह लापरवाही नहीं, अपराध है। उन्होंने सीयू प्रबंधन पर मामले को दबाने का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

