गजराज के आतंक को रोकने गजरथ यात्रा पत्थलगांव स्कूलों में, 90 स्कूलों के 9800 बच्चों को मिली हाथियों के बर्ताव की ट्रेनिंग..

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में हाथी मानव द्वंद की घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा शुरू की गई गजरथ यात्रा 2025 अब पत्थलगांव विकासखंड के स्कूलों में पहुंच गई है। यह यात्रा हाथी प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में लगातार दौरा कर रही है और स्कूली छात्र छात्राओं तथा ग्रामीणों को हाथियों के व्यवहार और गतिविधियों के बारे में जागरूक कर रही है।

90 स्कूलों में जागरूकता अभियान..

जशपुर वनमंडल द्वारा 21 जून 2025 को माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के हाथों शुरू की गई यह ‘गजरथ यात्रा’ अब तक जिले के 90 स्कूलों तक पहुंच चुकी है।

वनमण्डलाधिकारी, जशपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस अभियान के तहत अब तक 9800 छात्र छात्राओं को हाथियों के व्यवहार और गतिविधियों की जानकारी दी जा चुकी है।

यात्रा का मुख्य लक्ष्य कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित करना है।

फरसाबहार, कुनकुरी और बगीचा विकासखंड के 75 स्कूलों में 8205 छात्र छात्राओं को पहले ही जागरूक किया जा चुका था।

6 अक्टूबर 2025 को पत्थलगांव विकासखंड में पहुंचने के बाद, यहां के 15 स्कूलों के 1595 छात्र छात्राओं को जानकारी दी गई है।

वर्तमान में गजरथ यात्रा पत्थलगांव विकासखंड में अपना कार्य निरंतर जारी रखे हुए है।

चौपालों में भी चलचित्र से जागरूकता..

जशपुर जिले की भौगोलिक संरचना, घने वनक्षेत्र और अंतर्राज्यीय सीमा से सटे होने के कारण यहां हाथियों की उपस्थिति निरंतर बनी रहती है, जिससे मानव हाथी संघर्ष की आशंका हमेशा बनी रहती है।
स्कूलों में छात्रों को जानकारी देने के साथ साथ यह यात्रा गांवों के चौपालों में भी पहुंच रही है। यहां चलचित्र (फिल्मों) के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को भी हाथियों से बचाव और उनके साथ सहअस्तित्व बनाए रखने के तरीके सिखाए जा रहे हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जशपुर वनमंडल में हाथी मानव द्वंद की घटनाओं को न्यूनतम करना है।