जगदलपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार (4 अक्टूबर) को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर दशहरा के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में भाग लिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ पहुंचे शाह ने इसी मंच से नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार करने का बड़ा ऐलान किया। गृह मंत्री शाह ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि देश की धरती से नक्सलवाद को अलविदा कहने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय कर दी गई है। उन्होंने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की आखिरी चेतावनी भी दी और 395 वस्तुओं पर जीएसटी कटौती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की।

नक्सलवाद पर शाह का दो टूक संदेश : बात नहीं, सिर्फ आत्मसमर्पण..
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित बस्तर से नक्सलियों को सीधा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश की धरती से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख निश्चित की गई है।
आत्मसमर्पण नीति : शाह ने उन लोगों को भी जवाब दिया जो नक्सलियों से बातचीत की वकालत करते हैं।उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारी दोनों सरकारें, छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार, बस्तर और पूरे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। “इसमें बात करने लायक क्या है?”
शाह ने कहा कि हमने बहुत आकर्षक आत्मसमर्पण नीति बनाई है। “आइए, हथियार डाल दीजिए।” उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर आप हथियार उठाकर बस्तर की शांति भंग करने की कोशिश करेंगे, तो हमारे सशस्त्र बल, सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस जवाब देंगे।” इसका साफ मतलब है कि सरकार बातचीत के बजाय विकास और कड़े सुरक्षा एक्शन के जरिए ही समस्या को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
395 वस्तुओं पर GST कटौती, स्वदेशी पर जोर..
गृह मंत्री शाह ने अपने संबोधन में आर्थिक और स्वदेशी के महत्व पर भी बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हाल ही में देश भर की महिलाओं के लिए 395 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती करने को एक बड़ी राहत बताया।
स्वदेशी संकल्प : शाह ने 140 करोड़ की आबादी से स्वदेशी के संकल्प को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर देश की पूरी आबादी स्वदेशी को अपना ले, तो “हमारे भारत को दुनिया की शीर्ष आर्थिक व्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वदेशी की संस्कृति को अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था को बड़ी गति मिलेगी।
मुरिया दरबार में CM साय के साथ हुए शामिल..
शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ बस्तर दशहरा के ‘मुरिया दरबार’ में शिरकत की। यह आयोजन बस्तर की अद्वितीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। मंच पर गृह मंत्री की मौजूदगी ने यह संदेश भी दिया कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक और आंतरिक सुरक्षा दोनों मामलों को गंभीरता से ले रही है।

