“संस्कार, मर्यादा और स्वच्छता से ही राष्ट्र निर्माण संभव” – विहिप की जिला बैठक में हुआ आह्वान..

विहिप के प्रांतीय पदाधिकारियों का गौरेला-पेंड्रा-मरवाही प्रवास.. स्वच्छता अभियान स्थलों का निरीक्षण और कार्यकर्ताओं को दिया मार्गदर्शन

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की जिला इकाई द्वारा आज एक महत्वपूर्ण बैठक एवं स्वच्छता अभियान निरीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह पवार, प्रांत मंत्री विभूतिभूषण पांडे (छत्तीसगढ़) और विशेष संपर्क प्रमुख बिलासपुर विभाग अभिषेक गौतम का आगमन हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य पद्धति के अनुसार हुआ। अतिथियों का तिलक, चंदन एवं अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया। मंच का संचालन जिला मंत्री प्रकाश साहू ने किया।

प्रमुख वक्ताओं के विचार..

क्षेत्र संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह पवार ने कहा कि “मर्यादा और संस्कार में रहकर हम जीवन में किसी भी ऊँचाई को प्राप्त कर सकते हैं। यही भारतीय संस्कृति की नींव है।”

प्रांत मंत्री विभूतिभूषण पांडे ने स्वच्छता स्थलों का निरीक्षण करते हुए कहा कि “स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इससे समाज में सकारात्मक ऊर्जा और अनुशासन का संचार होता है।”

स्वच्छता अभियान स्थलों का निरीक्षण..

बैठक के बाद सभी पदाधिकारियों ने जिले में चल रहे स्वच्छता अभियान के अंतर्गत दुर्गा सरोवर, मुक्तिधाम, हाई स्कूल मैदान, तथा ब्रह्मचारी तालाब (गौरेला) का निरीक्षण किया। उन्होंने स्वच्छता के प्रयासों की सराहना करते हुए कार्यकर्ताओं को और भी सक्रियता से जुड़ने हेतु प्रेरित किया।

कार्यक्रम में संत स्वामी कृष्णप्रपन्नाचार्य जी की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। इसके अलावा, विहिप और बजरंग दल के पदाधिकारीगण व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

हर्ष छाबड़िया (जिला अध्यक्ष),सागर पटेल (जिला संयोजक, बजरंग दल),सरोज पवार, प्रिया त्रिवेदी, संतोषी साहू, आकांक्षा साहू, कशिश साहू, बृजेश सोनी, निखिल परिहार,विनय पांडे, नवीन विश्वकर्मा, शैलेश जयसवाल, शुभम गुप्ता, देवांश तिवारी,भूपेन चौधरी, शिवम साहू, रुपेश साहू, कंचन मिश्रा, दिशा मानिकपुरी,नरेंद्र केवट, मुकेश जायसवाल,आकाश शर्मा आदि।

इस बैठक और स्वच्छता निरीक्षण अभियान के माध्यम से विहिप ने समाज में संस्कार, मर्यादा और स्वच्छता के महत्व को दोहराया। यह कार्यक्रम न केवल संगठनात्मक मजबूती का उदाहरण रहा, बल्कि जनजागरण और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम भी सिद्ध हुआ।