गरियाबंद । उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व (यूएसटीआर) ने भीषण गर्मी और जल संकट से जूझते वन्यप्राणियों को राहत देने के लिए एक अहम पहल की है। जल संकट और मानव-पशु संघर्ष की चुनौतियों से निपटने के लिए यूएसटीआर प्रबंधन ने अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत जंगल के भीतर सौर ऊर्जा से संचालित पंप और शिकार-रोधी शिविरों का सौर विद्युतीकरण किया गया है।

यह परियोजना न सिर्फ पर्यावरण अनुकूल है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी सिद्ध हुई है। इस साझेदारी के चलते राज्य सरकार को लगभग 17 लाख रुपये की सीधी बचत हुई है। अब तक 5 नए सोलर पंप लगाए जा चुके हैं और 3 एंटी-पोचिंग कैंपों में सौर विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है।
वन्यजीवों के लिए जल संकट से राहत, गांवों में टकराव की आशंका कम..
गर्मी के मौसम में जब धमतरी और गरियाबंद क्षेत्रों के प्राकृतिक जल स्रोत सूख जाते हैं, तब वन्यजीवों के लिए जल की अनुपलब्धता एक गंभीर संकट बन जाती है। ऐसे में वे पानी की तलाश में गांवों और मानव बस्तियों की ओर रुख करते हैं, जिससे मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
इस चुनौती से निपटने के लिए लगाए गए सौर पंप वन्यप्राणियों को उनके प्राकृतिक आवास के भीतर ही जल उपलब्ध कराएंगे, जिससे वे बस्तियों की ओर आकर्षित नहीं होंगे। इस पहल से बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरण जैसे जंगली जानवरों की आवाजाही को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और यूएसटीआर की सीमा से लगे राजस्व व टेरिटोरियल क्षेत्रों में भी संघर्ष की आशंका कम होगी।
वन विभाग की दीर्घकालिक रणनीति को मिल रही सफलता..
वन विभाग ने 2025 की गर्मी को ध्यान में रखते हुए पहले ही सात सौर पंप स्थापित किए थे। अब अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन की मदद से यह प्रयास और व्यापक हो गया है। उल्लेखनीय है कि यह वही संस्था है, जो जिम कॉर्बेट, कान्हा, पन्ना और दुधवा जैसे प्रमुख टाइगर रिज़र्व्स में भी ऐसी परियोजनाएं संचालित कर चुकी है।
यूएसटीआर प्रबंधन का मानना है कि यह पहल भविष्य में वन-भैंसों और मादा बाघों के प्रस्तावित पुनर्स्थापन (रीइंट्रोडक्शन) के लिए भी अनुकूल पर्यावरण तैयार करेगी।
मानव – वन्य प्राणी संघर्ष में आई उल्लेखनीय गिरावट..
यूएसटीआर क्षेत्र में बीते ढाई वर्षों में केवल एक जनहानि की घटना सामने आई है, जबकि पहले की तुलना में मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं में काफी गिरावट दर्ज की गई है। यह इस बात का प्रमाण है कि जल स्रोतों की उपलब्धता वन्यप्राणियों की स्थिरता और मानव सुरक्षा – दोनों के लिए आवश्यक है।

