बिलासपुर। ड्रग्स के खिलाफ बिलासपुर पुलिस ने एक बड़ी और कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी से कमाई गई एक करोड़ बीस लाख रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति को फ्रीज कर दिया है। यह कार्रवाई शहर के कुख्यात ड्रग्स तस्कर अजय चक्रवर्ती के खिलाफ की गई है। आरोपी ने ड्रग्स बेचकर कमाई गई काली कमाई को छुपाने के लिए अपनी पत्नी और एक परिचित महिला के नाम पर जमीन खरीदी थी और मकान बनवाए थे। इस कार्रवाई से जिले में सक्रिय ड्रग्स सिंडिकेट्स में हड़कंप मच गया है।
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट एनडीपीएस की धारा 68 एफ के तहत की गई यह कार्रवाई एक मिसाल बन गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि साल 2021 में तोरवा थाने में दर्ज हुए एक मामले की दोबारा वित्तीय जांच करने के बाद यह सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ ड्रग्स की खेप पकड़ना नहीं, बल्कि इस अवैध कारोबार की जड़ों को काटना और माफियाओं की आर्थिक रीढ़ तोड़ना है। इस मामले में अजय चक्रवर्ती की संपत्ति को चिन्हित कर पूरी तरह फ्रीज कर दिया गया है।
काली कमाई को सफेद करने की साजिश..
यह कार्रवाई दिखाती है कि ड्रग्स तस्कर अपनी काली कमाई को किस तरह सफेद करने की कोशिश करते हैं। अजय चक्रवर्ती, जिसके खिलाफ बिलासपुर के अलावा जबलपुर में भी एनडीपीएस एक्ट के कई गंभीर मामले दर्ज हैं, ने अपनी अवैध कमाई को छिपाने के लिए यह तिकड़म अपनाई थी। उसने आवासपारा सिरगिट्टी और टिकरापारा में बेनामी संपत्तियां खरीदीं ताकि पुलिस की नजर से बच सके, लेकिन गहन जांच के बाद उसकी यह साजिश बेनकाब हो गई।
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि ड्रग्स के धंधे में कमाई गई रकम को आरोपी ने अपनी पत्नी और एक महिला मित्र के नाम पर निवेश किया था। इस तरह की बेनामी संपत्ति की खरीद सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और कानून को धोखा देने का प्रयास है। इस कार्रवाई के बाद अब यह संपत्ति जब्त कर ली गई है और मामले को आगे की कार्रवाई के लिए माननीय SAFEMA न्यायालय में भेज दिया गया है।
पुलिसकर्मियों को मिला इनाम..
इस उल्लेखनीय कार्रवाई में सिरगिट्टी थाने के प्रधान आरक्षक प्रभाकर सिंह ने उत्कृष्ट कार्य किया। उन्होंने अथक प्रयास कर आरोपी की बेनामी संपत्तियों की पहचान की और कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इस सराहनीय योगदान को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर ने उन्हें नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि बिलासपुर पुलिस ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। जिले में अब तक कुल 6 प्रकरणों में 17 व्यक्तियों की अवैध संपत्तियां चिन्हित कर फ्रीज की गई हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है। यह आंकड़ा बताता है कि बिलासपुर पुलिस नशे के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

