बिलासपुर। महाराजा अग्रसेन जयंती समारोह 2025 के अंतर्गत अग्रवाल महिला सम्मेलन छत्तीसगढ़ जिला इकाई बिलासपुर एवं अग्रवाल नवयुवक समिति के संयुक्त तत्वावधान में अग्रसेन भवन में विविध सांस्कृतिक और बौद्धिक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।

इस अवसर पर “एक शाम हरि के नाम” कार्यक्रम में राधा-कृष्ण की वेशभूषा में सजे 35 से अधिक बच्चों ने गीतों और नृत्यों से सभी का मन मोह लिया। छोटे-छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत भक्ति नृत्य और भाव-भंगिमाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
फूलों की माला प्रतियोगिता बनी आकर्षण का केंद्र..
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति “फूलों की माला बनाओ प्रतियोगिता” रही, जिसमें महिलाओं ने चंपा, गेंदा, सफेद फूलों और आक के फूलों से रंग-बिरंगी मालाएं बनाकर अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया। इस प्रतियोगिता में सात से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया और पारंपरिक सौंदर्य को जीवंत किया।
वर्ग पहेली प्रतियोगिता में दिखा बौद्धिक कौशल..
अग्रवाल नवयुवक समिति द्वारा आयोजित वर्ग पहेली प्रतियोगिता में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें समाज के सभी आयु वर्ग के लोगों ने भाग लेकर अपनी बौद्धिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
भजन, आरती और प्रसाद वितरण से गूंज उठा भवन..
कार्यक्रम की शुरुआत भजन-गायन और आरती से हुई, इसके बाद प्रसाद वितरण कर सभी को श्रीहरि के भक्ति रस में सराबोर किया गया। कार्यक्रम का संचालन उषा सुल्तानिया और आशा अग्रवाल ने किया।
इस आयोजन में अग्रवाल सभा अध्यक्ष शिव प्रसाद अग्रवाल, भोलाराम मित्तल, अवतार अग्रवाल, चतुर्भुज अग्रवाल, जुगल पालीवाल, अंकुर जाजोदिया, सौरभ अग्रवाल, कपिल जाजोदिया, सुनील संथालिया, मनीष अग्रवाल, ओमप्रकाश मोदी सहित अनेक पदाधिकारी एवं समाजजन उपस्थित रहे और बच्चों का उत्साहवर्धन किया।

महिला सम्मेलन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष आशा अग्रवाल, उषा सुल्तानिया, जिला अध्यक्ष रंजना अग्रवाल, सचिव वंदना जाजोदिया, ज्योति सुल्तानिया, सुनीता चौधरी, मधु बगड़िया समेत अनेक पदाधिकारी एवं सदस्य सक्रिय रूप से आयोजन में शामिल रहीं।
आयोजन की विशेषताएं :
35 से अधिक बच्चों द्वारा राधा-कृष्ण के रूप में नृत्य व प्रस्तुति..
फूलों की माला प्रतियोगिता में रंग-बिरंगे रचनात्मक प्रयोग..
वर्ग पहेली में युवाओं व बड़ों की उत्साही भागीदारी..
भजन, आरती और प्रसाद से भक्ति और आनंद का माहौल..
यह आयोजन न केवल भक्ति, कला और संस्कृति का संगम रहा, बल्कि समाज की एकता और रचनात्मकता का प्रतीक भी बन गया।
अग्रसेन जयंती समारोह की श्रृंखला में इस तरह के कार्यक्रम समाज के भावी पीढ़ी को संस्कार और परंपरा से जोड़ने का प्रेरक माध्यम बन रहे हैं।

