बिलासपुर। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिफरा के व्याख्याता जय कौशिक ने अपने 17 वर्षों के शैक्षणिक समर्पण से सरकारी स्कूल की छवि को न केवल संवारा, बल्कि उसे राज्य स्तर पर एक नई पहचान भी दिलाई है। वर्ष 2008 में जहां स्कूल में केवल 300 छात्र थे, आज यह संख्या 2500 से अधिक हो चुकी है और आगामी दो वर्षों में 3000 छात्रों तक पहुँचने की उम्मीद है।

यह परिवर्तन सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि गुणवत्ता और उपलब्धियों में भी दिखता है। कौशिक की भागीदारी से स्कूल में शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियाँ सशक्त रूप से संचालित हो रही हैं। बोर्ड परीक्षाओं में लगातार शत-प्रतिशत परिणाम, वर्ष 2019-20 में छात्रा मानवी कौशिक का टॉप-10 में चयन, और वर्ष 2024 में छात्रा सुमन कैवर्त का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद में जूनियर वैज्ञानिक के रूप में चयन, इन उपलब्धियों का प्रमाण हैं।
विद्यालय के छात्र हर वर्ष राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही, योग, बाल चेतना, नशामुक्ति अभियान, “हर घर तिरंगा”, कारगिल विजय दिवस, और “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे जन-जागरूकता कार्यक्रमों का भी सफल आयोजन किया जा रहा है।
दसवीं में 93% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले चार छात्र, बारहवीं में शत-प्रतिशत परिणाम, 46 प्रथम श्रेणी, और 18 छात्र मेरिट में चयनित — यह सब स्कूल की शिक्षा गुणवत्ता का परिचायक है।
जय कौशिक को उनके योगदान के लिए शिक्षा दूत सम्मान, मुख्यमंत्री, केंद्रीय राज्यमंत्री, तथा कलेक्टर द्वारा विभिन्न अवसरों पर सम्मानित किया गया है।
आज तिफरा का यह शासकीय विद्यालय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के साथ-साथ पीएम श्री स्कूल बनने की ओर अग्रसर है, और अब यह निजी स्कूलों को भी टक्कर दे रहा है।
जय कौशिक का सपना – “स्मार्ट क्लास में स्मार्ट बच्चों का” – अब साकार होता दिखाई दे रहा है। वे कहते हैं, “बच्चों की आँखों में सपनों की चमक और लक्ष्य पाने की भूख ही हमें हर दिन कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करती है।”

