बिलासपुर। रायपुर रोड स्थित रामा वैली रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारियों ने सोमवार को बिल्डर पर गंभीर आरोप लगाए । उन्होंने बताया कि बिल्डर ने सरकारी जमीन पर करोड़ों की हेराफेरी की है जिसमें एक 14 एकड़ का तालाब भी शामिल है। सोसाइटी के सचिव पी वी आर नायडू उपाध्यक्ष सी पी शर्मा मनोज गर्ग और शोभन दत्ता ने बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत में कॉलोनी के विकास और निर्माण में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने पूरी कॉलोनी का सीमांकन कराने की अपील की ताकि सभी गड़बड़ियां सामने आ सकें। इस मामले में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सोसाइटी के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि बिल्डर प्रकाश ग्वालानी ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के स्वीकृत नक्शे के खिलाफ कई गड़बड़ियां की हैं। उन्होंने बताया कि कॉलोनी के ग्रीन लैंड में व्यावसायिक परिसर बना दिए गए और व्यावसायिक परिसर की जगह को बेच दिया गया। कोटवार को आवंटित शासकीय भूमि 0.943 एकड़ बैंक में बंधक रखी गई है जिसमें से 19200 वर्ग फुट भूमि बिल्डर ने अपने नाम दर्ज करवा ली है। कॉलोनी के मध्य 57285 वर्ग फुट में से लगभग 37000 वर्ग फुट ग्रीन लैंड पार्क की भूमि पर अवैध व्यावसायिक परिसर और पार्किंग बनाकर बेच दी गई है। इसके अलावा 32646 वर्ग फुट ग्रीन लैंड पार्क की भूमि में से करीब 12000 वर्ग फुट पर अवैध क्लब का निर्माण कर दिया गया है।
सबसे बड़ा आरोप खसरा नंबर 55 जिसका रकबा 1.007 हेक्टेयर और खसरा नंबर 56 जिसका रकबा 4.684 हेक्टेयर है इन दोनों सरकारी भूमि और सरकारी तालाब कुल 5.691 हेक्टेयर लगभग 14.063 एकड़ को बिल्डर ने फर्जी दस्तावेजों बना कर बेच दिया है। सोसाइटी ने इस संबंध में कलेक्टर निगम आयुक्त एस डी एम तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों से शिकायत की थी। निगम आयुक्त ने एक जांच कमेटी भी बनाई थी लेकिन उसकी रिपोर्ट शिकायतकर्ताओं को नहीं दी गई। बाद में मिली जानकारी में सामने आया कि राजस्व मामले की जांच की ही नहीं गई और उल्टा शिकायतकर्ताओं को ही गलत ठहराया जा रहा है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दो सोसाइटी के बीच का आपसी विवाद है जिससे कॉलोनाइजर का कोई लेना देना नहीं। सोसाइटी के पदाधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया और स्पष्ट किया कि यह कोई निजी मामला नहीं बल्कि शासकीय जमीन की हेराफेरी का गंभीर प्रकरण है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने बिल्डर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि जो शॉपिंग मॉल बनाया गया है उसमें दुकानों को फावड़ा गैती और फिनायल रखने की जगह बताया जा रहा है जबकि भौतिक स्थिति बिल्कुल अलग है।
यह पूरा मामला बिल्डर की मनमानी और प्रशासन की कथित उदासीनता को उजागर करता है जिससे रामा वैली के निवासियों में गहरा रोष है। क्या प्रशासन इस बड़े घोटाले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा यह देखना बाकी है।

