नई दिल्ली: भारत सरकार का सहकारिता मंत्रालय 1 जुलाई से 6 जुलाई 2025 तक देशभर में सहकारिता मंत्रालय स्थापना सप्ताह का भव्य आयोजन कर रहा है। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह पहल सहकारी आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस दौरान वृक्षारोपण, ऋण मेले, प्रदर्शनियाँ और शिखर सम्मेलन जैसे विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ में भी इस सप्ताह को सफल बनाने के लिए जोर शोर से तैयारियाँ चल रही हैं।


सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य सहकारिता की भावना को जन जन तक पहुँचाना और देश के विकास में इसके योगदान को रेखांकित करना है। छत्तीसगढ़ में, पैक्स प्रकोष्ठ, सहकार भारती के प्रदेश संयोजक घनश्याम तिवारी इस आयोजन को जन आंदोलन में बदलने के लिए कार्ययोजना बना रहे हैं और सभी जिलों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संपर्क कर रहे हैं। जिलेवार समन्वयकों की नियुक्ति भी की जा रही है। सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम चंद्रवंशी, कोषाध्यक्ष रामप्रकाश केशरवानी सहित कई समर्पित कार्यकर्ता इस आयोजन की तैयारियों में जुटे हैं।
सप्ताहभर के प्रमुख कार्यक्रम:
1 जुलाई 2025: हरियाली से शुभारंभ..
सप्ताह की शुरुआत देशव्यापी सामूहिक वृक्षारोपण अभियान से होगी, जिसमें सहकारी समितियाँ, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र, सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय सहकारी संघों के सदस्य भाग लेंगे। साथ ही, प्राथमिक सहकारी समितियों द्वारा मॉडल ऑडिटिंग अभ्यास, मॉडल वार्षिक आम सभाएँ और मॉडल बोर्ड बैठकें आयोजित की जाएंगी। दिल्ली में नाबार्ड के सहयोग से पैक्स और उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक कार्यशाला होगी, जिसमें 300 से अधिक प्रतिभागी शामिल होंगे।
2 जुलाई 2025: ऋण मेला और सहकारी कार्यशालाएँ..
देश के विभिन्न जिलों में जिला सहकारी बैंक, शहरी सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और प्राथमिक सहकारी समितियों द्वारा ऋण मेला और सदस्यता अभियान चलाए जाएँगे। इसके अलावा, राज्य स्तर पर सहकारिता मंत्रालय की पहलों पर केंद्रित कार्यशालाएँ भी आयोजित होंगी।
3 जुलाई 2025: सहकारी विरासत एवं उत्पादों की प्रदर्शनी..
जिला और राज्य स्तर पर दो से तीन दिनों तक चलने वाली सहकारी इतिहास एवं सहकारी उत्पादों की प्रदर्शनी लगेगी। इसमें सहकारिता से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेज, उत्पाद, नवाचार और सफलता की कहानियों को आम जनता के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
4 जुलाई 2025: साहित्य और संकल्प का संगम..
नई दिल्ली में सहकारिता मंत्रालय (राजभाषा प्रभाग) द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध कवि अनिल अग्रवंशी, शैलेंद्र मधुर और उपेंद्र पांडे काव्य पाठ करेंगे। इसी दिन देशभर में “सहकारी वॉकथॉन 2025” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लगभग 4000-5000 प्रतिभागी 3 से 5 किलोमीटर चलेंगे। “सहकारिता की ओर कदम” विषय पर एक शिखर सम्मेलन भी होगा, जहाँ सहकारी संरचना को मजबूत करने पर चर्चा की जाएगी।
5 जुलाई 2025: अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस..
इस दिन राज्य स्तर पर “सहकारी युवा संवाद” होगा। गुजरात के आणंद में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु भूमि पूजन एवं उद्घाटन कार्यक्रम प्रस्तावित है, जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT) द्वारा देश के समन्वित कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में “सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण पर एक दिवसीय युवा जागरूकता कार्यक्रम” भी आयोजित किया जाएगा।
6 जुलाई 2025: “स्वच्छता में सहयोग” और समापन समारोह..
सहकारिता सप्ताह का समापन “स्वच्छता में सहयोग” अभियान के साथ होगा। देशभर की राजधानियों, राजभवनों, सचिवालयों और राज्य मुख्यालयों में स्वच्छता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम होंगे। गुजरात के आणंद में राष्ट्रीय स्तर का मुख्य समापन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। यह समारोह सहकारिता क्षेत्र की उपलब्धियों को राष्ट्र के सामने प्रस्तुत करेगा।

