Crores of rupees scam exposed in CGMSC, 5 accused on 7-day police remand.. Long interrogation of many officials including two IAS, investigation of 660 crore scam continues..
रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में करोड़ों रुपये के रीएजेंट खरीदी घोटाले का खुलासा होने के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने इन सभी आरोपियों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि, ईओडब्ल्यू ने 15 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने सुनवाई के बाद 7 दिन की मंजूरी दी।
रातभर चली पूछताछ, फिर गिरफ्तार हुए आरोपी..
EOW ने दो IAS समेत CGMSC और स्वास्थ्य विभाग के करीब दर्जनभर अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था। लंबी पूछताछ के बाद पांच आरोपियों को देर रात गिरफ्तार किया गया। आज सुबह सभी को विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां सुनवाई के बाद उन्हें 28 मार्च तक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया गया।
ये पांच आरोपी भेजे गए रिमांड पर..
- बसंत कुमार कौशिक – तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक उपकरण एवं उप प्रबंधक क्रय एवं संचालन
- छिरोध रौतिया – तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर
- कमलकांत – तत्कालीन उप प्रबंधक उपकरण
- डॉ. अनिल परसाई – तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर स्टोर
- दीपक कुमार बाँधे – तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर
660 करोड़ के गड़बड़झाले का मामला, EOW की जांच जारी..
कांग्रेस शासनकाल में CGMSC ने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से करोड़ों की गड़बड़ी की। इस मामले में भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) IAS यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगुआ को पत्र लिखकर 660 करोड़ रुपये के घोटाले की जानकारी दी थी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।
कैसे हुआ घोटाला ?
बताया जा रहा है कि CGMSC के अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर मोक्षित कॉर्पोरेशन के माध्यम से मेडिकल रीएजेंट्स की खरीदी में बड़ा घोटाला किया। इसमें सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ और राज्य की राजकोषीय क्षति हुई।
EOW अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। आरोपियों की रिमांड के दौरान उनसे कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है। इस मामले में शामिल अन्य बड़े अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। आगे और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

