शीर्ष न्यायालय का फैसला: शराब घोटाले में अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा की जमानत याचिका खारिज

Supreme Court verdict: Bail plea of ​​Anwar Dhebar and Anil Tuteja rejected in liquor scam

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में 2,000 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मामले में मुख्य आरोपियों अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। यह फैसला न्यायमूर्ति अभय ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया।

मुख्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा पर 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। ईडी की जांच के अनुसार, इस अवधि में लगभग 2,161 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था, जिसमें सरकारी अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक रसूखदारों की मिलीभगत शामिल थी।

अन्य आरोपियों को मिली जमानत

वहीं, रायपुर सेंट्रल जेल में बंद अन्य आरोपियों, जैसे अरुणपति त्रिपाठी और दिलीप पांडे, को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन्हें 10 अप्रैल को जमानत पर रिहा किया जाए। यह निर्णय उनके खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों और उनकी भूमिका के आधार पर लिया गया है।

यह घोटाला 2022 में आयकर विभाग की जांच के दौरान सामने आया था, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया। जांच में पाया गया कि एक सिंडिकेट के माध्यम से सरकारी शराब दुकानों में अवैध शराब बेची जा रही थी, जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ। ईडी ने इस मामले में अब तक 180 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अटैच की है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। वहीं, अन्य आरोपियों की रिहाई से मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। ईडी और अन्य संबंधित एजेंसियां मामले की गहन जांच जारी रखेंगी, ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके।