Maharishi University land scam: NSUI raised questions, demanded immediate investigation and cancellation of recognition..
बिलासपुर।महर्षि यूनिवर्सिटी पर 10.50 एकड़ जमीन की फर्जी बिक्री का आरोप लगाते हुए एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने गुरुवार को कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और तत्काल जांच तथा विश्वविद्यालय की मान्यता समाप्त करने की मांग की।
रंजेश सिंह ने बताया कि महर्षि यूनिवर्सिटी को 2002-03 में कांग्रेस शासन के दौरान 38 एकड़ जमीन शिक्षा के उद्देश्य से दी गई थी। इसी आधार पर विश्वविद्यालय को संचालन की मान्यता मिली थी। लेकिन, 2020 में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस जमीन में से करीब 10.50 एकड़ जमीन को अलग-अलग लोगों को फर्जी तरीके से बेच दिया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस जमीन की बिक्री से जुड़े दस्तावेज मौजूद हैं, जिन्हें वह जांच के दौरान पेश करेंगे।
रंजेश सिंह ने कहा, “यह मामला शिक्षा तंत्र के साथ धोखा है। शासन और यूजीसी के नियमों का उल्लंघन करते हुए विश्वविद्यालय ने जमीन को गुपचुप तरीके से बेच दिया। हमने पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन से सवाल किए, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।”
उन्होंने कलेक्टर से इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करने की मांग की। साथ ही, विश्वविद्यालय की मान्यता तत्काल समाप्त करने और घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की। रंजेश सिंह ने कहा, “यह मुद्दा सिर्फ विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के विश्वास पर सवाल खड़ा करता है।”
कलेक्टर से मुलाकात के बाद रंजेश सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह घोटाला भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ छात्रों के हितों के साथ खिलवाड़ है। हम उम्मीद करते हैं कि कलेक्टर महोदय इस मामले की तेजी से जांच करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि वह इस मुद्दे को उच्च शिक्षा विभाग और यूजीसी के समक्ष भी उठाएंगे।
अब देखना है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करता है और महर्षि यूनिवर्सिटी प्रशासन इन आरोपों का क्या जवाब देता है।

