Demand to pass ‘National Commission for Allied and Healthcare Professions Act 2021’ in Chhattisgarh Assembly..

बिलासपुर, 22 दिसंबर 2024: ‘नेशन कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन्स एक्ट 2021’ (NCAHP) को छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित करने की मांग जोर पकड़ रही है। यह अधिनियम लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत से पारित हो चुका है, और केंद्र सरकार ने इसके तहत केंद्रीय परिषद का गठन भी कर लिया है। देश के कई राज्यों में यह अधिनियम पहले ही पारित हो चुका है, जबकि कुछ राज्यों में पारित होने की प्रक्रिया में है।
बिलासपुर प्रेस क्लब में रविवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी के फिजिशियन एसोसिएट रामखिलावन आदित्य ने बताया कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार इस अधिनियम को पारित करती है, तो राज्य के युवाओं को व्यापक लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत कई ऐसे पाठ्यक्रम हैं, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में संचालित नहीं हो रहे हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर इनकी मांग बढ़ रही है। जानकारी के अभाव में राज्य के छात्रों को विशेष पाठ्यक्रमों के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ता है। साथ ही, राज्य के कॉरपोरेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में इन पेशेवरों की मांग के चलते बाहरी राज्यों के युवाओं को अच्छे वेतन पर रोजगार मिल रहा है, जबकि स्थानीय युवाओं को अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।
आदित्य ने बताया कि व्यापक और विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं के लिए और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इस अधिनियम के तहत आने वाले पेशेवरों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। NCAHP अधिनियम के तहत सभी पेशेवरों को अंतरराष्ट्रीय मानक वर्गीकरण (ISCO CODE) के तहत वर्गीकृत किया गया है, जिससे राज्य के छात्रों को विदेशों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में राज्य में आयुष और एनएमसी के अलावा एलाइड कोर्स के पंजीकरण और लाइसेंस के लिए तीन परिषदें कार्यरत हैं:
1. छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल
2. छत्तीसगढ़ फिजियोथेरेपी एवं ऑक्यूपेशनल थेरेपी काउंसिल
3. छत्तीसगढ़ चिकित्सा मंडल अधिनियम 2001
भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार राज्य परिषदों का गठन करने की अंतिम तिथि 18 मार्च 2024 थी। सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के आदेश (WPC NO.983/2023) दिनांक 12 अगस्त 2024 के अनुसार भी इस दिशा में कार्रवाई अपेक्षित है।
आदित्य ने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ में NCAHP अधिनियम पारित होता है, तो शासन, जनता और नई पीढ़ी के युवाओं को इसका व्यापक लाभ मिलेगा। इससे राज्य में चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं के क्षेत्र में नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

