Health department came into action after MLA’s rebuke, ultimatum to Apollo Hospital for registration in three days..
बिलासपुर। बेलतरा विधायक की सख्त चेतावनी के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अपोलो हॉस्पिटल को आयुष्मान भारत और अन्य शासकीय योजनाओं के तहत पंजीयन कराने के लिए तीन दिन का समय दिया है। इसके लिए अपोलो प्रबंधन को पत्र जारी किया गया है, जिसमें अब तक पंजीयन न कराने पर नाराजगी जाहिर की गई है।
गरीब मरीजों पर पड़ी भारी मार..
छत्तीसगढ़ की गरीब जनता के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि अपोलो हॉस्पिटल जैसे बड़े संस्थान ने अब तक शासकीय योजनाओं का पंजीयन नहीं कराया। इस लापरवाही के चलते मरीजों को इलाज के लिए भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ा। कई मरीजों के परिजनों को अपने गहने-जेवर और जमीन बेचकर इलाज कराना पड़ा। जो यह खर्च वहन नहीं कर सके, उन्हें अपने गंभीर मरीजों को कहीं और ले जाने पर मजबूर होना पड़ा।
विभाग की कमजोर पकड़ उजागर..
बेलतरा विधायक की फटकार के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपोलो प्रबंधन को लिखे पत्र में स्वीकार किया कि कई बार पंजीयन के लिए कहा गया, लेकिन हॉस्पिटल ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। विभाग ने यह भी माना कि जनप्रतिनिधियों की नाराजगी की बात का हवाला देकर ही दबाव बनाया जा सका। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की कमजोरी को उजागर करती है।
अब प्राथमिकता की याद..
लंबे समय से शिथिलता बरतने वाले स्वास्थ्य विभाग ने अब अपोलो प्रबंधन को यह निर्देश दिया है कि शासकीय योजनाओं का पंजीयन प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें।
आखिर कब सुधरेगी व्यवस्था ?
स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई सवाल खड़े करती है कि आखिर इतनी देरी क्यों हुई? क्या विभाग और अस्पताल प्रबंधन के बीच कोई मिलीभगत थी, जिसके कारण गरीब जनता को महंगे इलाज के लिए मजबूर होना पड़ा? अब देखना यह है कि अपोलो हॉस्पिटल तीन दिन के भीतर पंजीयन प्रक्रिया पूरी करता है या फिर यह मामला और लंबा खिंचता है।

