An unsolved mystery of death amidst love, rivalry and conspiracy..
बिलासपुर। दीपक सिंह की संदिग्ध मौत ने पूरे मस्तूरी क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। 30 वर्षीय दीपक सिंह, जो मोपका की सरकारी शराब दुकान में विक्रेता के रूप में काम करता था, उसकी लाश 22 अक्टूबर की देर रात डॉ. सुमन के घर के बाड़ी में कउहा के पेड़ से लटकी हुई मिली थी। इस घटना ने जहां एक ओर हत्या और आत्महत्या के बीच की रेखा को धुंधला किया वहीं दूसरी ओर गहरी साजिश की ओर भी इशारा किया है।
दीपक के पिता उदय सिंह ने बताया कि उनके पुत्र ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या हुई है । उदय सिंह ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे को हत्या से पूर्व जहर पिलाया गया उसके बाद हत्यारों ने उसे फांसी के फंदे पर लटकाकर हत्या कर दी और हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। साथ ही, एक फर्जी सुसाइड नोट भी लिखा जो आरोपियों की चाल है।
प्रेम संबंध बना रंजिश की जड़
दीपक का प्रेम संबंध गांव की ही एक युवती से था जो इस पूरी घटना मुख्य कारण माना जा रहा है । उदय सिंह ने बताया कि युवती का परिवार इस बात को लेकर युवक से रंजीश रखता था पूर्व में भी युवती के परिवार वालों से युवक का कई बार विवाद हुआ था ।
दशहरे के समय हुई युवराज की हत्या से दीपक को जोड़ने…………
यह मामला इस घटना को और भी पेचीदा बनाता है जब उनके पिता ने इस बात की संभावना जताई कि उनके बेटे का नाम दशहरे के समय हुई युवराज की हत्या से जोड़ा जा रहा था, उन्हें शक है कि पुलिस मामले का खत्म करने के लिए इस हत्या को आत्महत्या का रूप दे रही है ताकि युवराज की हत्या और दीपक सिंह हत्या मामले का खात्मा किया जा सके।
पुलिस जांच पर उठे सवाल
दीपक के पिता ने दोनों हत्याओं की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि यदि मामले की सही जांच नहीं हुई, तो युवराज हत्याकांड और दीपक की संदिग्ध मौत को दबाने की कोशिश हो सकती है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है।
यह मामला सिर्फ एक हत्या या आत्महत्या नहीं, बल्कि प्रेम, रंजिश और साजिश के ताने-बाने से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। अब यह देखना बाकी है कि पुलिस इन उलझनों को सुलझाकर सच्चाई सामने ला पाती है या नहीं। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है

